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कैंट विधानसभा सीट पर पूर्व पार्षद नफीस अंसारी ने भी ठोकी ताल, हाजी इस्लाम बब्बू कांग्रेस से मैदान में कूदे

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नीरज सिसौदिया, बरेली
125 बरेली कैंट विधानसभा सीट की सियासी जंग बेहद दिलचस्प मोड़ पर आ चुकी है। इस सीट से जहां वर्तमान पार्षद पति हाजी इस्लाम बब्बू कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं, वहीं पूर्व पार्षद मोहम्मद नफीस ने भी ताल ठोक दी है। मोहम्मद नफीस पूर्व पार्षद हैं और अंसारी बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं। साफ – सुथरी छवि के नफीस अंसारी सहसवानी टोला, सूफी टोला, राबड़ी टोला, कसाई टोला, कांकरटोला, जगतपुर, एजाज नगर गौटिया, सहित पुराना शहर के कई इलाकों में गहरी पैठ रखते हैं। इतना ही नहीं हिन्दू समाज के लोग भी उन्हें उतना ही पसंद करते हैं जितना कि मुस्लिम । खास तौर पर दलित और पिछड़े समाज के लोग उनके मुरीद हैं। राजनीति में मो. नफीस नए नहीं हैं। सियासत उन्हें अपने पिता से विरासत में मिली थी। उनके पिता भी इलाके से सभासद रहे थे। पिता के बाद मोहम्मद नफीस ने उनकी राजनीतिक विरासत संभाली और स्थानीय जनता के बीच अपनी एक अलग पहचान स्थापित की। उनके समाजसेवा के जज्बे के चलते लोग उन्हें बेहद पसंद करते हैं। यही वजह है कि स्थानीय जनता ने जब उनसे विधानसभा चुनाव लड़ने का अनुरोध किया तो वह खुद को रोक नहीं सके। उन्होंने शुक्रवार को नामांकन कराया और नामांकन के साथ ही चुनाव प्रचार में जुट गए। नफीस अंसारी विकास के मुद्दे पर चुनावी मैदान में डटे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे किसी की भी रही हो, मुस्लिम समाज हमेशा से उपेक्षित ही रहा है। पुराना शहर के लोग आज भी बदहाली की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। यहां के हालात सुधारने के लिए कोई भी आगे नहीं आया। सभी राजनीतिक दलों ने सिर्फ अपनी सियासी रोटियां सेकने का काम किया है। जब तक जनता के बीच का कोई व्यक्ति विधानसभा नहीं जाएगा तब तक पुराना शहर के मुस्लिमों की बदहाली दूर नहीं होगी। इसीलिये हमने विधानसभा चुनाव में जाने का निर्णय लिया है। हमें पूरी उम्मीद है कि हमारे मुस्लिम समाज के लोग इस बार हमें चुनकर विधानसभा भेजने का काम जरूर करेंगे।

हाजी इस्लाम बब्बू

वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार सुप्रिया ऐरन के कांग्रेस में जाने के बाद हाजी इस्लाम बब्बू ने कांग्रेस में वापसी कर ली है। वह कांग्रेस के टिकट पर कैंट विधानसभा सीट से मैदान में हैं। हाजी इस्लाम बब्बू भी कद्दावर नेता हैं और मुस्लिम समाज में गहरी पैठ रखते हैं। चूंकि किसी भी अन्य पार्टी ने कोई दमदार मुस्लिम नेता कैंट सीट से नहीं उतारा है, ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण हाजी इस्लाम बब्बू के पक्ष में हो सकता है। हाजी इस्लाम बब्बू के कांग्रेस में आने के बाद दम तोड़ती नजर आ रही कांग्रेस ने मुकाबले में वापसी कर ली है। फिलहाल इस सीट पर भाजपा, सपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है।

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