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निर्दलीय प्रत्‍याशी नफीस अंसारी को मिला पूर्व कांग्रेस महासचिव का साथ, जानिये कैसे बढ़ती जा रही है नफीस अंसारी की ताकत?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
125 बरेली कैंट विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की मुश्‍किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। यहां निर्दलीय प्रत्‍याशी नफीस अंसारी के पक्ष में न सिर्फ अंसारी बिरादरी बल्कि मुस्‍लिम समाज एकजुट होता नजर आ रहा है। मीरा की पैठ इलाके में समाज के लोगों का भरपूर समर्थन मिलने के बाद अब कांग्रेस के पूर्व महासचिव भी नफीस अंसारी के समर्थन में उतर आए हैं। इसके बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के मुस्लिम कार्ड को गहरा झटका लगा है।
बता दें कि जावेद मुजीब कांग्रेस के पूर्व महासचिव हैं और पिछले लंबे समय से सक्रिय राजनीति का हिस्‍सा रहे हैं। पुराना शहर में समाजसेवा के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले जावेद मुजीब इलाके में गहरी पैठ भी रखते हैं। यही वजह है कि पुराना शहर के साथ ही नया शहर के कई इलाकों में भी उनकी अच्‍छी पकड़ है। कांग्रेस के महासचिव रहने के दौरान उन्‍होंने जनता की सेवा में दिन-रात एक कर अपनी अलग पहचान स्‍थापित कर ली थी। मुस्‍लिम समाज का एक बड़ा वर्ग उनके साथ है। मुस्‍लिमों की आवाज बुलंद करने वाले निर्दलीय प्रत्‍याशी नफीस अंसारी इलाके में लगातार जनसंपर्क अभियान चलाकर किसी भी दल के बहकावे में न आने के लिए अपने समाज के लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इसी कड़ी में वह जसोली में जनसंपर्क अभियान पर निकले थे। यहां कांग्रेस के पूर्व महासचिव जावेद मुजीब और उनके साथियों ने फूलमालाओं से उनका स्‍वागत किया। साथ ही उन्‍हें जिताने का भरोसा भी दिलाया। उन्‍होंने मुस्लिम समाज से एकजुट होकर अपनी ताकत दिखाने की अपील भी की।


इस दौरान नफीस अंसारी ने कहा कि आज मुस्लिम समाज को एकजुट होकर अपने अस्तित्‍व की लड़ाई लड़ने की जरूरत है। अब तक जो भी राजनीतिक दल खुद को मुस्लिमों के हितैषी बताते रहे उन्‍होंने सिर्फ सत्‍ता पाने के लिए मुस्लिमों का इस्‍तेमाल किया है। जब मतलब निकल गया तो मुस्लिमों को पहचानने तक से इनकार कर दिया। अब समय आ गया है कि अपने वोट की ताकत से ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। मुस्लिम समाज की एकता और ताकत को दिखाने का यही सही वक्‍त है। अगर हम अब भी नहीं जागे तो हमारा अस्तित्व हमेशा के लिए मिट जाएगा और मुसलमान सिर्फ राजनीतिक दलों का झंडा उठाने तक ही सीमित रह जाएगा। उन्‍होंने कहा कि कैंट विधानसभा सीट पर हमारा वोट लगभग डेढ़ लाख है लेकिन मात्र 50 हजार मतदाताओं वाला वैश्‍य समाज का नेता हम पर राज करता है। अगर हम एक हो जाएं तो इंशाअल्‍लाह हर विधानसभा चुनाव में हमारा ही विधायक होगा। इसलिए अपनी ताकत को पहचानिये और अपने समाज के उम्‍मीदवार को जिताकर विधानसभा पहुंचाने का काम कीजिए। तभी हमारे समाज की आवाज विधानसभा में गूंजेगी और मुसलमान की तरक्‍की संभव हो सकेगी। वरना हम हमेशा यूं ही राजनीतिक दलों के हाथों की कठपुतली मात्र बनकर रह जाएंगे।

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