26 साल बाद पत्नी को दिया तलाक
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पति-पत्नी के बीच आई सौतन। दरअसल मलमला एक नामी कालेज के संचालक का है। पति की उम्र 50 साल है उसकी शादी को 26 साल हो गए है. दोनों का एक बेटा और एक बेटी है.कॉलेज के संचालक का उसकी असिस्टेंट से बीते चार सालों से प्रेम प्रसंग चल रहा है इस बात से नाराज हो कर पत्नी कुछ साल पहले घर से चली गई थी. इस तलाख की कीमत 1.20 लाख है।
ग्वालियर में एक नामी कॉलेज के संचालक की डायवोर्स और लव स्टोरी शहर के हर शख्स की जुबान पर है. संचालक ने साल 1996 में हिंदू रीति-रिवाज के साथ शादी रचाई थी. शादी के बाद एक बेटा और बेटी हुई. बेटी की हाल ही में शादी हुई है. कॉलेज संचालक का 26 साल तक शादी का सफर रहा. शादी के 10-12 साल तक सब ठीक ठाक रहा लेकिन फिर पति-पत्नी के रिश्तों में दरार आने लगी. कुछ साल पहले कॉलेज संचालक का अपनी असिस्टेंट के साथ अफेयर शुरू हो गया।
पति का असिस्टेंट के साथ अफेयर धीरे-धीरे सीरियस लव स्टोरी बन गया. जब पत्नी को पति की करतूत का पता चला तो घर में झगड़े होने लगे. जब पति ने अपनी प्रेमिका को छोड़ने से साफ इनकार कर दिया तो चार साल पहले उसकी पत्नी ने घर छोड़ दिया. पत्नी अपने बच्चों को साथ लेकर सिटी सेंटर इलाके में रहने लगी. घर छोड़ने के बाद पत्नी ने पति की तरफ पलटकर नहीं देखा. उधर कॉलेज संचालक पति ने भी पत्नी की खबर नहीं ली. लेकिन जब लव स्टोरी जग जाहिर होने लगी तो कॉलेज संचालक इसे रिश्ते की डोर में बांधने की कोशिश में लग गया. प्रेमिका को पत्नी बनाने के लिए पहली पत्नी से कानूनी तौर पर रिश्ता खत्म करना जरूरी था. आखिर उसने फैमिली कोर्ट के जरिए पत्नी को तलाक के लिए तैयार कर लिया।
सहमति का तलाक लेकिन नियम-शर्तों का बंधन
कॉलेज संचालक और उनकी पत्नी ने 2020 में फैमिली कोर्ट में तलाक का दावा पेश किया. 50 साल का पति और 47 साल की पत्नी की पहली और अंतिम गवाही हो चुकी है. पत्नी ने तलाक को सहमति दे दी है. कोर्ट से अब तलाक की डिक्री आदेश पारित होना है. ये तलाक शर्तों में बंधा है.
तय हुआ कि पति, पत्नी को जबलपुर के चार फ्लैट देगा. बाद में इसके एवज में कैश देने पर सहमति बनी.
पत्नी को सिटी सेंटर में रहने के लिए एक लक्जरी फ्लैट दिया गया है. स्त्री धन (आभूषण) पर पत्नी का अधिकार है.
दोनों से एक बेटा व बेटी है. बेटा-बेटी पिता के साथ रहना चाहते हैं तो उन्हें जाने से नहीं रोका जाएगा.
पत्नी, पति के खिलाफ अब कोई भी कानूनी दावा पेश नहीं करेगी.
बच्चों के भरण पोषण की जिम्मेदारी पति ने ली हैै।