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एमएलसी चुनाव : भाजपा में ये हैं प्रमुख दावेदार, किसका लगेगा बेड़ा पार?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
बरेली जिले में विधानसभा के लिए मतदान हो चुका है। अब सियासतदानों ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद की बरेली रामपुर स्थानीय निकाय सीट के लिए जोर आजमाइश शुरू कर दी है। समाजवादी पार्टी में जहां फिलहाल खामोशी नजर आ रही है वहीं, भारतीय जनता पार्टी में टिकट के लिए दावेदारों की लंबी कतार देखने को मिल रही है। हालांकि इनमें से कुछ ही दावेदार ऐसे हैं जिनकी दावेदारी मानदंडों पर खरी उतरती नजर आ रही है या हूं कहें कि मुख्य मुकाबले में नजर आ रहे हैं जिनमें दो पूर्व जिला अध्यक्ष और ब्रज क्षेत्र उपाध्यक्ष भी शामिल हैं।
हालांकि दावेदारों में सबसे पहला नाम पूर्व में एमएलसी चुनाव लड़ चुके पुष्पपाल सिंह यानि पीपी सिंह का है। पीपी सिंह का दावा पूर्व प्रत्याशी और पार्टी के पुराने कार्यकर्ता होने की वजह से सबसे मजबूत नजर आता है। उनका मानना है कि जब पार्टी विपक्ष में थी तो उन्होंने पुरजोर तरीके से चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अब पार्टी सत्ता में है और वह पार्टी के पुराने कर्मठ कार्यकर्ता हैं इसलिए वह अब भी इस टिकट के हकदार हैं।
दूसरा नाम भाजपा ब्रज क्षेत्र उपाध्यक्ष हर्षवर्धन आर्य का है। हर्षवर्धन आर्य पिछले करीब 25 वर्षों से समर्पित भाव से संगठन की सेवा कर रहे हैं। वह पार्टी में कई अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। इन दिनों कासगंज जिला प्रभारी बनाए गए हैं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी और अमित शाह जैसे दिग्गज नेताओं की कई रैलियों की जिम्मेदारी भी सफलतापूर्वक निभा चुके हैं। विगत लोकसभा चुनाव में उन्होंने अजेय मानी जा रही बदायूं सीट पर अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव की पराजय में अहम भूमिका निभाई थी। वह बदायूं सीट के प्रभारी भी थे। विधानसभा चुनाव में उन्होंने बरेली कैंट विधानसभा सीट से दावेदारी की थी लेकिन पार्टी ने प्रदेश सहकोषाध्यक्ष संजीव अग्रवाल पर भरोसा जताया था। ऐसे में हर्षवर्धन आर्य की दावेदारी भी मजबूत नजर आ रही है।
अगला नाम पूर्व जिला अध्यक्ष कुंवर महाराज सिंह का आता है। महाराज सिंह पार्टी में अपने योगदान की दुहाई देते हुए क्षत्रियों के लिए प्रतिनिधित्व की मांग करते नजर आ रहे हैं। बात अगर बरेली जिले की करें तो इस बार भाजपा ने यहां से किसी भी क्षत्रिय को विधानसभा का टिकट नहीं दिया है। महाराज सिंह की दावेदारी इसीलिये ज्यादा मजबूत नजर आती है।
अगला नाम पूर्व जिला अध्यक्ष पूरनलाल लोधी का आता है। पूरनलाल लोधी मीरगंज सीट से विधानसभा का टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें निराश किया। इस पर वह असंतुष्ट हो गए और उनके समर्थकों ने खुलकर विरोध भी जताया था लेकिन बाद में उन्हें मना लिया गया। अब पूरनलाल लोधी एमएलसी का टिकट चाहते हैं।
इनके अलावा सबसे प्रमुख नाम घनश्याम लोधी का है जो निवर्तमान एमएलसी हैं और हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं। हालांकि, भाजपाई दिग्गजों का मानना है कि एमएलसी का टिकट पार्टी उसी को देती है जिसने संगठन के लिए लंबे समय तक समर्पण भाव से कार्य किया हो। पैराशूट उम्मीदवार विधानसभा का टिकट तो हासिल कर सकता है लेकिन एमएलसी का टिकट पाने के लिए संगठन में योगदान सबसे प्रमुख मानक है।
इनके अलावा पार्षदों की आवाज बुलंद करने वाले सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा, सपा से भाजपा में आए अनिल शर्मा, रवि रस्तोगी, सुधीर मौर्य सहित कई अन्य नेता भी एमएलसी के टिकट की कतार में हैं।

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