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भाजपा ने नहीं दिया लोकसभा का टिकट, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन ने राजनीति से ले लिया संन्यास, जानिये क्या बोले हर्षवर्धन

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नई दिल्ली। मौजूदा सांसद हर्षवर्धन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जारी उम्मीदवारों की पहली सूची में चांदनी चौक निर्वाचन क्षेत्र से उनका नाम शामिल नहीं होने पर रविवार को सक्रिय राजनीति छोड़ने की घोषणा की। हर्षवर्धन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक लंबे पोस्ट में कहा कि वह 30 साल से अधिक के ‘‘शानदार चुनावी करियर” के बाद अपनी जड़ों की ओर लौटेंगे। अपने सफर पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं तंबाकू और मादक पदार्थ के सेवन के खिलाफ, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ और सरल व सतत जीवनशैली सिखाने का अपना काम जारी रखूंगा।” उन्होंने कहा, ‘‘30 साल से अधिक के शानदार चुनावी करियर के बाद मैं अंतत: अपनी जड़ों की ओर लौट रहा हूं। इस दौरान मैंने सभी पांच विधानसभा और दो संसदीय चुनाव अच्छे-खासे अंतर से जीते और पार्टी संगठन तथा राज्य व केंद्र में सरकारों में कई प्रतिष्ठित पदों पर रहा।” भाजपा द्वारा घोषित 195 उम्मीदवारों की पहली सूची में चांदनी चौक सीट से प्रवीण खंडेलवाल को उम्मीदवार बनाया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने जब गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने की इच्छा से 50 साल पहले जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर में एमबीबीएस में दाखिला लिया था, तो उनका लक्ष्य मानवता की सेवा था। उन्होंने इसी पोस्ट में कहा, ‘‘दिल से स्वयंसेवक होने के नाते, मैं दीनदयाल उपाध्याय जी के कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति की सेवा करने के प्रयास के अंत्योदय सिद्धांत का प्रबल समर्थक रहा। तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन नेतृत्व के आग्रह पर मैं चुनावी राजनीति में कूदा था।” हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘वे मुझे इसलिए मना पाए, क्योंकि मेरे लिए राजनीति का मतलब हमारे तीन मुख्य शत्रुओं – गरीबी, रोग और उपेक्षा से लड़ने का अवसर था।” सांसद ने कहा कि उन्होंने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में काम किया। उन्होंने कहा, ‘‘बिना किसी पछतावे के मुझे कहना होगा कि यह एक अद्भुत पारी रही, जिसके दौरान आम आदमी की सेवा करने का मेरा जुनून पूरा हुआ। मैंने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के साथ दो बार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में काम किया, ऐसा विषय जो मेरे दिल के करीब है।” उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पहले पोलियो मुक्त भारत बनाने की दिशा में काम करने और फिर पहली तथा दूसरी लहर के दौरान खतरनाक कोविड-19 से जूझ रहे लाखों देशवासियों के स्वास्थ्य की देखभाल करने का दुर्लभ अवसर मिला।” हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ काम करना बड़े सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह स्वीकार करता हूं कि मुझे भारत के इतिहास में सबसे ऊर्जावान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ मिलकर काम करने का सौभाग्य मिला। देश सत्ता में उनकी बड़ी वापसी की कामना करता है।” उन्होंने कहा कि मानवता के लंबे इतिहास में केवल कुछ ही लोगों को सबसे गंभीर खतरे के समय में अपने लोगों की रक्षा करने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि वह गर्व से दावा कर सकते हैं कि उन्होंने जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ा, बल्कि इसका स्वागत किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘माँ भारती के प्रति मेरी कृतज्ञता, मेरे साथी नागरिकों के प्रति मेरी श्रद्धा और हमारे संविधान में निहित मूल्यों के प्रति मेरी श्रद्धा। और हां, भगवान राम ने मुझे लोगों की जान बचाने का सबसे बड़ा सौभाग्य दिया।” उन्होंने अपने पोस्ट का अंत रॉबर्ट फ्रॉस्ट की मशहूर पंक्तियों से किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आगे बढ़ता हूं, मैं वास्तव में इंतजार नहीं कर सकता। मैंने कई वादे किए हैं… और मुझे सोने से पहले मीलों चलना है। मेरा एक सपना है…और मैं जानता हूं कि आपका आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहेगा। कृष्णा नगर में मेरा कान, नाक और गले (ईएनटी) का क्लिनिक भी मेरी वापसी का इंतजार कर रहा है।” हर्षवर्धन ने 2014 में चांदनी चौक लोकसभा सीट से कपिल सिब्बल को हराया था, जो उस वक्त कांग्रेस का हिस्सा थे। उन्होंने 2019 के चुनाव में कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल को हराया था।

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