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राहुल गांधी की टिप्प्णी पर आरएसएस ने जताई आपत्ति, कहा-हिंदुत्व को हिंसा से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण, पढ़ें क्या कहा संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने?

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के संबंध में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की टिप्पणी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सोमवार को अपत्ति जतायी और कहा कि हिंदुत्व को हिंसा से जोड़ने संबंधी कांग्रेस नेता का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस नेता गांधी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील अंबेकर ने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण पदों पर आसीन लोगों द्वारा हिंदुत्व को हिंसा से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है।” उन्होंने कहा कि चाहे यह (स्वामी) विवेकानंद का हिंदुत्व हो या (महात्मा) गांधी का, यह सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक है। अंबेकर आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार विभाग के प्रमुख हैं। गांधी ने लोकसभा में भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि भाजपा के नेता हिंदू नहीं हैं क्योंकि वे चौबीस घंटे ‘हिंसा और नफरत’ में शामिल रहते हैं। उनकी टिप्पणी का सत्ता पक्ष ने भारी विरोध किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस नेता पर पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक करार देने का आरोप लगाया। हालांकि, गांधी ने मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि वह भाजपा के बारे में बोल रहे थे और न तो सत्तारूढ़ पार्टी, न ही आरएसएस और न ही मोदी पूरे हिंदू समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अध्यक्ष आलोक कुमार ने भी गांधी की टिप्पणियों की निंदा की और कहा कि अगर कांग्रेस नेता सोचते हैं कि उनकी पार्टी हिंदुओं को ‘अपमानित’ करके वोट प्राप्त करेगी, तो उन्हें याद रखना चाहिए कि लोकसभा की जीती गई सीट के मामले में वह अब भी भाजपा से काफी पीछे है। कुमार ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘उन्हें (गांधी को) याद रखना चाहिए कि कांग्रेस को (हालिया लोकसभा चुनाव में) 542 में से सिर्फ 99 सीट पर जीत मिली और वह अब भी अपने प्रतिद्वंद्वी से काफी पीछे है।”

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