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‘पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस’ के उद्घाटन समारोह में भाजपा विधायक ने स्टूडेंट को दी नसीहत- डिग्री से कुछ नहीं होगा, टायर पंक्चर बनाने की दुकान खोल लो, पढ़ें क्या है पूरा मामला?

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गुना। मध्य प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पन्नालाल शाक्य ने एक विवादास्पद बयान देते हुए विद्यार्थियों से कहा कि डिग्री हासिल करने से कुछ नहीं होगा और वे ‘‘मोटरसाइकिल पंचर सही करने की दुकान” खोल लें। विधायक ने यह बयान ऐसे समय दिया जब वह अपने निर्वाचन क्षेत्र गुना में ‘पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस’ के उद्घाटन के लिए आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को इंदौर में आयोजित एक समारोह में राज्य के 55 जिलों में ‘पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस’ का ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन किया था। इस अवसर पर गुना सहित संबंधित जिलों में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। गुना में आयोजित कार्यक्रम में शाक्य ने कहा, ‘‘हम आज ‘पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस’ का उद्घाटन कर रहे हैं। मैं सभी से अपील करता हूं कि एक बोध वाक्य दिमाग में रखें कि इन महाविद्यालयों की डिग्रियों से कुछ नहीं होने वाला है। इसके बजाय, कम से कम कोई आजीविका कमाने के लिए मोटरसाइकिल पंचर ठीक करने की दुकान खोलें।” कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भाजपा विधायक की टिप्पणी को लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधा। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’पर जारी पोस्ट में तंज कसते हुए कहा, ‘‘हमें भाजपा को उनके आर्थिक संदेशों में उच्च श्रेणी के अनुशासन के लिए श्रेय देना चाहिए। स्वयंभू देवता बेरोजगारी के इलाज के तौर पर ‘पकौड़े’ बेचने के गुणों की बात करते हैं, और उनके विधायक कॉलेज की डिग्री को ‘बेकार’ बताते हैं और छात्रों से पंचर की दुकानें खोलने की अपील करते हैं।” इंदौर में रविवार को आयोजित विशाल पौधारोपण अभियान का स्पष्ट संदर्भ देते हुए शाक्य ने कहा, ‘‘लोग पौधे तो लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें पानी देने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।” अभियान के तहत इंदौर शहर में 24 घंटे के दौरान 11 लाख से अधिक पौधे रोपे गए जो नया विश्व कीर्तिमान है। विधायक ने कहा कि सबसे पहले ‘पंचतत्वों’ (पृथ्वी, वायु, जल, सौर ऊर्जा और आकाश) को बचाना चाहिए जिनसे मानव शरीर का निर्माण होता है। शाक्य ने नदियों और नालों के किनारे सरकारी जमीन पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘प्रदूषण और पर्यावरण को लेकर चिंता है, लेकिन कोई भी इस दिशा (पंचतत्व को बचाने) में काम नहीं कर रहा है। हम आज लगाए गए पौधों की कब तक रखवाली करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि वे बढ़ें।”

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