नीरज सिसौदिया, बरेली
सरकारी नौकरियों में भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक को लेकर पहले से ही विपक्ष के हमले झेल रही उत्तर प्रदेश सरकार की मुश्किलें अब बरेली नगर निगम भी बढ़ा रहा है। बरेली नगर निगम में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती सवालों के घेरे में है। यहां नियमों को ताक पर रखकर आउटसोर्स में भर्तियां की गई हैं। यह सिलसिला आज का नहीं है बल्कि पिछले पांच वर्षों से बदस्तूर चला आ रहा है।
दरअसल, नगर निगम में आउटसोर्स के माध्यम से जो भर्तियां की जाती हैं वो जैम पोर्टल के माध्यम से चुने गए ठेकेदार के जरिये की जाती हैं। सरकारी नियमावली कहती है कि ये ठेकेदार अगर नगर निगम के लिए कोई भी भर्ती करते हैं तो उन्हें भर्ती किए जाने वाले अभ्यर्थियों का चयन रोजगार कार्यालय के माध्यम से करना होता है। रोजगार कार्यालय की ओर से इन ठेकेदारों को अभ्यर्थियों की सूची मुहैया कराई जानी चाहिए। इसी सूची में शामिल अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लेने के बाद इन्हीं में से योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति देनी होती है। लेकिन बरेली नगर निगम के ठेकेदार ऐसा नहीं कर रहे। वो नेताओं और अधिकारियों के करीबियों को मनमाने तरीके से भर्ती कर रहे हैं। ऐसे दर्जनों पदों पर मनमाने तरीके से भर्ती की गई है। नतीजतन योग्य उम्मीदवार गली मोहल्लों की खाक छानने को मजबूर हैं और सिफारिशी उम्मीदवारों की चांदी हो रही है।
चूंकि इन भर्तियों के बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं चल पाता जिसके चलते ठेकेदारों की मनमानी चलती रहती है। रोजगार कार्यालय के आंकड़े इसकी गवाही देते हैं। सूत्रों की मानें तो रोजगार कार्यालय के माध्यम से पिछले पांच-छह वर्षों में एक भी अभ्यर्थी को नगर निगम में नियुक्ति नहीं दी गई है। अब या तो रोजगार कार्यालय में पंजीकरण कराने वाले बेरोजगार किसी काम के नहीं थे या फिर उनसे काम लेने की बजाय उच्च पदस्थ राजनेताओं के करीबियों को रेवड़ी बांटकर ठेकेदारों ने गलत तरीके से अपने वारे-न्यारे कर लिए।
अगर पिछले पांच-छह वर्षों में बरेली नगर निगम में आउटसोर्स पर की गई भर्तियों की जांच सीबीआई या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में विशेष जांच दल गठित करके कराई जाए तो पूरे मामले का सच सामने आ सकता है।
अगर मामले की उच्च स्तरीय जांच नहीं कराई गई और योग्य और जरूरतमंद मेहनती बेरोजगारों का हक इसी तरह से मारा जाता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब बरेली का बेरोजगार युवा सड़कों पर उतरकर अपने हक की लड़ाई खुद लड़ेगा।
इस संबंध में जब मेयर डॉक्टर उमेश गौतम और निगम कमिश्नर से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। अगर वो चाहें तो मोबाइल नंबर 7528022520 पर फोन करके या वॉट्सएप के माध्यम से अपना पक्ष दे सकते हैं। हम उसे भी प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे।
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