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कैंट विधानसभा सीट पर बड़े खेल की तैयारी, भाजपा के असंतुष्टों पर अनीस बेग की नजर, पूर्व पार्षद अजय चौहान से मुलाकात के हैं कई मायने, जानिये कैसे सपा के लिए 2027 की चुनावी जमीन तैयार कर रहे डॉक्टर अनीस बेग?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव में बरेली कैंट विधानसभा सीट पर बड़े सियासी खेल की जमीन तैयार होने लगी है। वरिष्ठ सपा नेता और मैक्स लाइफ सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल एंड फहमी आईवीएफ सेंटर के डायरेक्टर और ओनर डॉ. अनीस बेग इसमें अहम भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की नीति पर अमल करने के साथ ही उन्होंने असंतुष्ट भाजपा नेताओं को जोड़ने की कवायद भी शुरू कर दी है। खास तौर पर कैंट विधानसभा सीट के उन नेताओं पर अनीस बेग की नजर है जो विगत नगर निगम चुनाव में भाजपा का टिकट हासिल नहीं कर सके और निर्दलीय ही मैदान में उतर गए थे। इन नेताओं को जीत तो नहीं मिली लेकिन एक बड़ा वोट बैंक इनके साथ जरूर नजर आया। इनमें कुछ पूर्व पार्षद हैं तो कुछ अपने-अपने इलाके के लोकप्रिय नेता। ये नेता मेयर उमेश गौतम के करीबी हैं और मेयर का करीबी होने की वजह से ही इनका टिकट कटवा दिया गया था। माना जाता है कि इनका टिकट कटवाने में कैंट विधायक संजीव अग्रवाल की अहम भूमिका रही थी। जिसके कारण ये नेता उनसे नाराज चल रहे हैं। ऐसे ही एक नेता और पूर्व पार्षद अजय चौहान के साथ पिछले दिनों डॉ. अनीस बेग की मुलाकात हुई थी। इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। अजय चौहान खुद डॉक्टर अनीस बेग के मैक्स लाइफ सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में आए थे और अनीस बेग ने उन्हें पूरा सम्मान दिया। साथ ही अस्पताल की बुकलेट भी भेंट की।
वार्ड 13 के पूर्व पार्षद अजय चौहान मेयर के करीबी नेताओं में शुमार हैं। वो पार्षद भले ही नहीं हैं लेकिन मेयर की मेहरबानियों के कारण उनका रुतबा आज भी पार्षद से कम नहीं है। जो काम मौजूदा पार्षद नहीं करा पाते वो काम अजय चौहान करा लेते हैं। विगत विधानसभा चुनाव में कैंट विधायक संजीव अग्रवाल के चुनाव में मेयर के कुछ करीबियों ने संजीव अग्रवाल का साथ नहीं दिया था। इनमें अजय चौहान भी शामिल थे। जिसके एवज में उन्हें पार्षद चुनाव में पार्टी का टिकट ही नहीं दिया गया। इसके बाद से संजीव अग्रवाल का खुलकर विरोध किया जाने लगा।
अब एक बार फिर विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। कैंट विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे अनीस बेग ने इन असंतुष्ट भाजपाइयों को जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है। अगर इस चुनाव में संजीव अग्रवाल दोबारा मैदान में उतरे तो अनीस बेग को इन असंतुष्ट भाजपाइयों का अंदरखाने पूरा साथ मिलेगा। वार्ड 13 ऐसा वार्ड है जहां पार्टी की स्थिति काफी कमजोर है और यहां से लगातार भाजपा का ही पार्षद बनता आ रहा है। ऐसे में अनीस बेग की इस रणनीति से समाजवादी पार्टी के साथ एक नया वोट बैंक जुड़ने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं।
सिर्फ अजय चौहान ही नहीं बल्कि कुछ अन्य असंतुष्ट भाजपा नेता भी हैं जिन्हें अनीस बेग सपा के खेमे में लाने की कवायद में जुट गए हैं। इन नेताओं के साथ वह लगातार बैठकें और चाय पर चर्चा भी कर रहे हैं। इतना ही नहीं इन भाजपा नेताओं के जान-पहचान के जो भी मरीज डॉक्टर अनीस बेग के अस्पताल में आते हैं उनके अस्पताल के बिल में हजारों रुपए की छूट भी इन भाजपा नेताओं के अनुरोध पर अनीस बेग की ओर से दी जाती है। इस तरह अनीस बेग न सिर्फ असंतुष्ट भाजपाइयों का साथ हासिल कर रहे हैं बल्कि उन मरीजों की आस्था भी प्राप्त कर रहे हैं जिनके बिल में राहत दी जा रही है।
नए वोट बैंक को जोड़ने की अनीस बेग की ये कवायद पार्टी के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी। क्योंकि अब वो वर्ग भी सपा के साथ जुड़ने लगा है जो कभी सपा के साथ नहीं जुड़ पाया।
बहरहाल, अनीस बेग ने कैंट विधानसभा सीट पर एक बड़ा सियासी खेल शुरू कर दिया है जिसके चलते आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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