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झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने विधानसभा में अपने अभिभाषण में बांधे भाजपा विरोधी झामुमो सरकार की तारीफों के पुल, भड़के भाजपा विधायक, पढ़ें क्या-क्या कहा राज्यपाल ने?

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नीरज सिसाैदिया, रांची
झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि पिछले साल हुए राज्य विधानसभा के चुनाव में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत गठबंधन को मिले भारी जनादेश से पता चलता है कि पार्टी ने लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है। इस पर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विरोध जताया। झामुमो नीत गठबंधन ने पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता बरकरार रखी तथा भाजपा के जोरदार प्रचार अभियान के बावजूद उसे पराजित कर दिया। गंगवार ने बजट सत्र के दौरान विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘चुनाव में रिकॉर्ड मतदान न केवल लोकतंत्र में लोगों की आस्था को दर्शाता है, बल्कि सरकार के काम और नीतियों में भी उसकी अटूट आस्था का परिचायक है।” राज्यपाल ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार है और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव तथा सत्तारूढ़ गठबंधन को मिला भारी जनादेश सरकार के लिए जन कल्याण की दिशा में प्रतिबद्धता से काम करने की प्रेरणा शक्ति होगी। गंगवार ने कहा कि सरकार युवाओं, महिलाओं और वंचितों सहित सभी के सशक्तिकरण में विश्वास करती है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाकर झारखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प लिया है।” गंगवार ने कहा, ‘‘सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता पारदर्शी, संवैधानिक, संवेदनशील और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन स्थापित करना है।” उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी राज्य की विकास यात्रा में एक बड़ी बाधा है। सदन में भाजपा विधायकों द्वारा उठाई गई आपत्तियों के बीच गंगवार ने कहा, ‘‘हमारी सरकार झारखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें संलिप्तता के आरोप में 56 लोक सेवकों को गिरफ्तार किया गया है। राज्यपाल ने कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, ‘‘2024 में सुनियोजित तरीके से नक्सल विरोधी अभियान चलाया गया जिसके परिणामस्वरूप 248 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया। कम से कम 24 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और नौ को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया।” उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में कुल 154 संगठित अपराधियों और 898 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।” उन्होंने ‘मैय्या सम्मान योजना’ और ‘अबुआ आवास’ सहित सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र किया। विपक्षी दल भाजपा ने राज्यपाल के अभिभाषण में कोई सच्चाई नहीं होने का आरोप लगाते हुए नारे लगाए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि सदन की कार्यवाही में बाधा डालना विधानसभा की परंपरा नहीं है। इससे पहले, सत्र का पहला दिन विधानसभा अध्यक्ष के संबोधन के साथ शुरू हुआ। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘लोगों ने हमें बहुत उम्मीदों के साथ चुना है। सदस्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी आकांक्षाओं को पूरा करें। लेकिन यह भी सच है कि कई बार सदन में गतिरोध के कारण वांछित परिणाम प्राप्त नहीं हो पाते हैं। इसलिए मैं आग्रह करता हूं कि ऐसा कोई गतिरोध पैदा नहीं किया जाए।” सोमवार को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन की कार्यवाही हाल में दिवंगत हुए प्रतिष्ठित व्यक्तियों को श्रद्धांजलि देने के बाद स्थगित कर दी गयी थी। विधानसभा सत्र 27 मार्च को समाप्त होगा। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का बजट तीन मार्च को पेश किया जाएगा। पिछले साल नवंबर में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के चुनाव जीतने के बाद हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार का यह पहला बजट होगा। नवंबर 2024 में राज्य में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन की शानदार जीत के बाद झारखंड विधानसभा ने दिसंबर में चार दिवसीय सत्र आयोजित किया था। पहले सत्र के दौरान रवींद्रनाथ महतो विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए थे और 81 सदस्यों को शपथ दिलायी गयी थी।

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