नई दिल्ली। पांच साल के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर की यात्रा इस वर्ष जून से अगस्त के बीच उत्तराखंड और सिक्किम दोनों रास्तों से शुरू होने जा रही है और इसमें कुल 750 यात्री महादेव के धाम जा सकेंगे। विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए विदेश और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज यहां इस यात्रा के लिए पंजीकरण कराने वाले यात्रियों के चयन के लिए कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ आयोजित किया। लिपुलेख दरर्े से होकर जाने पर 22 दिन और नाथू ला दरर्े से होकर 21 दिन का समय लगेगा। लिपुलेख दरर्े के रास्ते से होने वाली यात्रा में इस वर्ष 50-50 यात्रियों के पांच बैच जाएंगे जबकि नाथू ला दरर्े से होकर जाने वाली यात्रा में 10 बैच जाएंगे। दोनों मार्ग अब पूरी तरह से मोटर चलाने योग्य हैं। उत्तराखंड के रास्ते से जाने वाले यात्रियों को अब पैदल नहीं चलना पड़ेगा। लिपुलेख दरर्े तक सड़क बन गई है। उन्हें केवल सीमा पार करने के लिए करीब एक किलोमीटर ही चलना होगा। यात्रियों को एसएमएस और ईमेल संदेशों के माध्यम से उनके चयन के बारे में सूचित किया जाता है। यात्री अपने चयन की स्थिति की जांच करने के लिए यात्रा वेबसाइट या हेल्पलाइन नंबर 011-23088133 पर भी जानकारी ले सकते हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार इस वर्ष 5561 आवेदकों ने सफलतापूर्वक ऑनलाइन पंजीकरण कराया था जिसमें 4024 पुरुष आवेदक और 1537 महिला आवेदक शामिल थीं। यात्रा के खर्च के बारे में वेबसाइट में बताया गया है कि उत्तराखंड वाले मार्ग के लिए लगभग एक लाख 74 हजार रुपये तथा सिक्किम के रास्ते से जाने वालों के लिए दो लाख 83 हजार रुपये प्रति यात्री का शुल्क लिया जाएगा। विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्द्धन सिंह ने अपने संबोधन में यात्रा को अधिक सुलभ बनाने और यात्रियों सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करते हुए प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यत्रियों से आग्रह किया कि वे एक-दूसरे की देखभाल करते हुए और पर्यावरण की पवित्रता की रक्षा करते हुए जिम्मेदारी, विनम्रता और भक्तिभाव के साथ तीर्थयात्रा करें।
