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सीबीआई के शिकंजे में मेयर उमेश गौतम! आय से अधिक संपत्ति की शिकायत का लिया संज्ञान, डायरेक्टर ने ज्वाइंट डायरेक्टर प्रॉसीक्यूशन को भेजी शिकायत, पढ़ें क्या है पूरा मामला?

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
आय से अधिक संपत्ति के मामले में बरेली नगर निगम के मेयर डॉ. उमेश गौतम अब सीबीआई के शिकंजे में फंसते नजर आ रहे हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भाजपा नेता महेश पांडेय की शिकायत पर संज्ञान लिया है। सीबीआई डायरेक्टर प्रवीण सूद ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए इसे सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर (शिकायत प्रकोष्ठ) को मार्क कर दी है। महेश पांडेय ने 27 मार्च 2025 को सीबीआई डायरेक्टर को शिकायत दी थी। इस पर संज्ञान लेते हुए सीबीआई डायरेक्टर प्रवीण सूद ने अप्रैल माह में इसे ज्वाइंट डायरेक्टर (शिकायत प्रकोष्ठ) को मार्क कर दी। इसका डायरी नंबर 4574 है। इसके बाद से सीबीआई इस पर काम कर रही है। सीबीआई जांच कहां तक पहुंची है, इस संबंध में फिलहाल कुछ भी पता नहीं चल सका है। शिकायत में महेश पांडेय ने दावा किया है कि निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने अपनी काली कमाई का एक हिस्सा बरेली के महापौर डॉ. उमेश गौतम की इनवर्टिस यूनिवर्सिटी में खपाया है।
सीबीआई को लिखे पत्र में महेश पांडेय ने कहा है, ‘इनवर्टिस यूनिवर्सिटी के प्रमोटर्स डॉ. उमेश गौतम मूल रूप से ग्राम लालपुर थाना कोसीकलां, तहसील कोसीकली जनपद मधुरा के निवासी हैं। ग्राम लालपुर में इनकी स्वयं की, इनके पिता कौशल किशोर गौतम की और इनके दादा रोशन लाल की पैतृक सम्पत्ति नाममात्र की रही होगी, इतना ही नहीं स्वयं महापौर डॉ. उमेश गौतम जब पहली बार बरेली आए तो सिविल लाइन्स स्थित एक दैनिक समाचार पत्र के कार्यालय के पास किराये के मकान में रहा करते थे। आज की तारीख में महापौर व उनके परिजनों के नाम कई हजार करोड़ की अकूत सम्पत्ति बरेली समेत नोएडा, देहरादून व देश-विदेश में स्थित है। वर्ष 2012 से 2014 के बीच जिस समय निलम्बित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश बरेली के जिलाधिकारी के पद पर तैनात थे, उन्होंने अपनी काली कमाई का मोटा हिस्सा महापौर डॉ उमेश गौतम के इनवर्टिस विश्वविद्यालय में खपाया। इनवर्टिस यूनिवर्सिटी की आज की तारीख में अगर बाजार भाव देखा जाए तो दो हजार करोड़ रुपए से अधिक होगा।’

महेश पांडेय, शिकायतकर्ता

जिला सहकारी समिति के पूर्व चेयरमैन महेश पांडेय ने शिकायत पत्र में आगे लिखा है, ‘इसके अतिरिक्त उमेश गौतम के स्वयं व इनके परिजनों के नाम लगभग 25 से 30 करोड़ रुपए की बेशकीमती गाड़ियां भी हैं। हाल ही में इनके द्वारा रेन्ज रोवर कम्पनी की ऑटोबायोग्राफी रनथम्बोर एडीशन गाड़ी खरीदी गई है जिसकी कीमत साढ़े छह करोड़ रुपये है। इससे स्पष्ट है कि डॉ. उमेश गौतम जो कभी लॉटरी के टिकट बेचा करते थे, उनके पास मौजूदा सम्पत्ति आय के ज्ञात व वैध स्रोतों से कई हजार गुना ज्यादा है। जिसकी जांच करवाया जाना नितान्त आवश्यक है। साथ ही इनके द्वारा गत पिछले 7 वर्षों में जितने विदेश के दौरे किए गए हैं तथा जिन-जिन देशों में इनका जाना हुआ है, वहां पर भी इनकी सम्पत्ति की जांच कराया जाना सुनिश्चित करें।’
पत्र में महेश पांडेय ने डॉ. उमेश गौतम और उनके परिजनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की है। बता दें कि इससे पहले महेश पांडेय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी इसकी शिकायत की थी। जिस पर जांच शुरू भी हो चुकी है। ऐसे में अब उमेश गौतम पर चौतरफा शिकंजा कसता जा रहा है। बताया जाता है कि अगर केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच आगे बढ़ती है तो उनके कई करीबियों पर भी शिकंजा कस सकता है।

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