नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
हिन्दुस्तान की सबसे छोटे कद की महिला आईएएस अधिकारी को अजमेर का जिलाधिकारी बनाया गया था. अब उनका तबादला कर दिया गया है. लगभग साढ़े तीन फुट की इस आईएएस अफसर का नाम आरती डोगरा है. आरती पहले अजमेर में ही एसडीएम भी रह चुकी हैं. उनकी गिनती राजस्थान के तेज तर्रार अधिकारियों में होती है. आरती मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली हैं. यहीं उनकी पढ़ाई लिखाई भी हुई. एक नाटे कद की लड़की से आईएएस अफसर बनने तक का आरती का सफर बेहद दिलचस्प रहा है. आरती का कद साढ़े तीन फुट का है लेकिन आज वो देशभर के लिए मिसाल बनकर उभरी हैं। उन्होंने समाज में बदलाव के लिए कई मॉडल पेश किए हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी खूब पसंद आए हैं। जी हां अपने समाज में कई ऐसे वर्ग भी हैं जो लड़कियों को बोझ मानते हैं और अगर वो शारीरिक रूप से दिव्यांग निकल जाए तो उसको रोष की दृष्टि से देखना शुरू कर देते हैं। ऐसे ही एक लड़की की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं जो शारीरिक रूप से दिव्यांग होने पर समाज के ताने खाती रही और एक दिन इतनी बड़ी बन गई कि उसने सबके मुंह बंद कर दिए। आज वो राजस्थान के अजमेर की जिलाधिकारी के पद पर बेहतर सेवाएं देने के बाद स्थानांतरित की जा चुकी हैं।
आरती मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली हैं। उनका जन्म उत्तराखंड के देहरादून में हुआ था। आरती साल 2006 बैच की IAS अफसर हैं। उनका कद तो मात्र 3 फुट छह इंच का है। उन्हें राजस्थान के अजमेर की जिलाधिकारी के तौर पर नियुक्ति मिली थी। इससे पहले भी वे SDM अजमेर के पद पर भी पदस्थापित रही चुकी हैं।
आरती के पिता सेना में कर्नल थे और मां देहरादून के ही एक स्कूल में प्रिंसिपल थीं. जब आरती के कद के बारे में उन्हें पता चला तो उन्होंने दूसरी संतान पैदा नहीं करने का फैसला किया. आरती के पिता से डॉक्टर ने साफ कह दिया था कि उन्हें सामान्य बच्चों के स्कूल में न भेजें. लेकिन उनके पिता ने आरती को सामान्य स्कूल में ही पढ़ाया. इसके बाद आरती ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. आरती वर्ष 2006 बैच की आईएएस अधिकारी हैं.