संजय राघव, सोहना
हिंदुस्तान ऋषि मुनियों का देश है। जहाँ पर व्यक्ति को संस्कारी होना अति अनिवार्य है। जिसके लिए शिक्षक अपनी भूमिका बखूबी निभाने में लगे हैं। जो विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के अलावा सामाजिक ज्ञान भी उपलब्ध करा रहे हैं। यह कहना है एकमे इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल कीर्ति मदान का। जो स्कूल में आयोजित कार्यक्र्म में शिक्षकों व अभिभावकों को संबोधित कर रही थीं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उक्त स्कूल में रोबोटिक व डिजिटल शिक्षा प्रणाली से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जाती है। जिसके चलते स्कूली शिक्षा के बाद बच्चों को आसानी से रोजगार प्राप्त हो जाता है। प्रिंसिपल ने खुलासा करते हुए बताया कि स्कूल शिक्षकों व विद्यार्थियों के अथक प्रयासों के कारण विद्यालय ने कई नामचीन पुरस्कार अर्जित किये हैं। जिसके कारण स्कूल की ख्याति बढ़ने लगी है।
विदित है कि कस्बे से मात्र 3 किलो मीटर दूरी पर गाँव आटा मार्ग पर स्थित एकमे इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल सांस्कारिक व डिजिटल शिक्षा के चलते दूर दूर तक प्रसिद्ध है। स्कूल ने दर्जनों पुरस्कार अर्जित करके इलाके में अलग छाप बना डाली है। उक्त विद्यालय की स्थापना वर्ष 2010 में की गई थी। जिसमें करीब 500 विद्यार्थी कक्षा प्रथम से 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जिनको आर्ट्स, कॉमर्स, विज्ञान की बेहतरीन शिक्षा दी जाती है। विद्यालय में बच्चों के सर्वांगीण विकास पर विशेष रूप से बल दिया जाता है। स्कूल में साइंस लैब, मैदान, लाइब्रेरी, कैंटीन, म्यूजिक आदि की विशेष सुविधा है। बच्चों को रोबॉटिक व डिजिटल प्रणाली से शिक्षा प्रदान की जाती है। जोकि दूसरे स्कूलों में नहीं है। विद्यालय ने बीते वषों अपनी मेहनत के बल पर काफी पुरस्कार प्राप्त किये हैं। जिससे उक्त स्कूल की ख्याति दिनों दिन बढ़ रही है।
ये हासिल किए पुरस्कार
एकमे इंटरनेशनल स्कूल ने बीते दिनों कई पुरस्कार हासिल किए हैं। जिसमें सर्वश्रेष्ठ भवन निर्माण कला व आधुनिक शिक्षा अवार्ड शामिल हैं। जो एनएसए ने प्रदान किया है। इसके अलावा अभिनव टीचर अवार्ड, राष्ट्रीय शिक्षा रत्न व बेस्ट प्रिंसिपल से भी नवाजा गया है जिनको सीईडी फाउंडेशन ट्रस्ट ने प्रदान किया है। वहीं शिक्षकों की कार्यकुशलता को देखकर सीईडी ने शिक्षिका मीनाक्षी को शिक्षा गौरव अवार्ड व नीतू प्रदीप को शिक्षक अवार्ड से नवाजा है।
क्या कहती हैं प्रिंसिपल
एकमे इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल कीर्ति मदान कहती हैं कि स्कूल का रिजल्ट शत प्रतिशत रहा है। स्कूल के शिक्षकों की मेहनत के बल पर विद्यालय ने पुरस्कार प्राप्त किये हैं। उक्त स्कूल सांस्कारिक व टेक्निकल शिक्षा प्रदान करने मे अव्वल है।