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रंग लाया मम्मा, बंटी और कुक्की का संघर्ष, बीडीए वीसी ने मानीं मांगें, राजीव दीक्षित से एओ का चार्ज वापस, ठेकेदार से संबंधों की होगी जांच

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नीरज सिसौदिया, बरेली
बरेली विकास प्राधिकरण के सदस्य और भाजपा पार्षद सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा, नरेश शर्मा बंटी और आरेंद्र अरोरा कुक्की का संघर्ष आखिरकार रंग ला ही गया. बीडीए के वीसी जोगिंदर सिंह ने पार्षदों की मांगें मानते हुए अधीक्षण अभियंता राजीव दीक्षित के साथ गाजियाबाद के ठेकेदार की मिलीभगत की जांच करने और बीडीए की बैठक नियमानुसार बुलाने पर सहमति जता दी है. बैठक का एजेंडा 15 दिन पहले ही सदस्यों को जारी कर दिया जाएगा. वहीं एओ के आने पर राजीव दीक्षित से एक का चार्ज वापस ले लिया गया है. साथ ही शहर के विभिन्न इलाकों में अवैध कॉलोनियों और अवैध निर्माण की जांच का भरोसा भी वीसी ने पार्षदों को दिलाते हुए आगे से मिलजुल कर विकास करने का भी आश्वासन दिया है.
बता दें कि इस मामले को लेकर तीनों सदस्य पिछले काफी दिनों से संघर्ष कर रहे थे. उन्होंने मंडलायुक्त से लेकर केंद्रीय मंत्री तक से बीडीए में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने और नियमानुसार बोर्ड की बैठक बुलाने की गुहार लगाई थी.
सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा ने बताया कि आज दिनांक बरेली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह के निमंत्रण पर वह अपने साथी नरेश चंद्र शर्मा बंटी और आरेंद्र अरोरा कुक्की के साथ बीडीए वीसी के कार्यालय में पहुंचे और विभिन्न विषयों पर चर्चा की. चर्चा के प्रथम बिंदु नियमानुसार बैठक न बुलाने और शासनादेश का अनुपालन न करने के विषय में तथा अधीक्षण अभियंता राजीव दीक्षित द्वारा बैठक बुलाने पर आपत्ति जताई जिसको उपाध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया और सचिव के द्वारा एजेंडा 15 दिन के अंतराल में बैठक आहूत करने का आश्वासन दिया. तदोपरांत नरेश शर्मा बंटी ने शहर में हो रहे अवैध निर्माणों विशेष रूप से इज्जतनगर थाना, बारादरी थाना क्षेत्र के कॉलोनाइजर द्वारा बगैर नक्शा पास कराए निर्माण कार्य करा कर प्राधिकरण को क्षति पहुंचाने तथा नगर निगम पर आर्थिक भार डालने पर रोष प्रकट किया गया. चूंकि अवैध निर्माण कर्ताओं की कालोनियों में रहने वाले लोग जनप्रतिनिधियों से अपने-अपने क्षेत्र में निर्माण कराने, विकास कार्य कराने की मांग करते हैं जबकि अवैध कालोनियों में कॉलोनाइजर भूखंड और भवन विक्रय करके अपने पैसे इकट्ठे करके चले जाते हैं तथा इसका परिणाम नगर निगम को भोगना पड़ता है. इसमें पूरी सहभागिता मिलीभगत क्षेत्र के अवर अभियंता की होती है. भूखंडों के आवंटन के संबंध में उपाध्यक्ष ने अवगत कराया कि जल्दबाजी में टाइपिंग मिस्टेक हो गई थी उसे बदलना चाहिए था जो नहीं बदला गया. यदि उसी समय प्रिंट बदल दिया होता तो यह भ्रम की स्थिति उत्पन्न नहीं होती. निर्माण कार्यों के टेंडरों के संबंध में उपाध्यक्ष ने अवगत कराया कि जो निर्माण कार्य नियम विरुद्ध हुए उनको निरस्त कर दिया और जो नए टेंडर पड़े हैं उनमें पूरी पारदर्शिता है. अधिशासी अभियंता राजीव दिक्षित के विरुद्ध मुरादाबाद में जांच चल रही है. इसके बावजूद यहां तीन-तीन पदों के चार्ज देने के विषय में अवगत कराया कि उन्होंने शासन को अनेकों बार अन्य अधिकारियों की तैनाती के संबंध में लिखा परंतु शासन ने कोई भी नवीन तैनाती आज तक नहीं की है. इस कारण राजीव दीक्षित को ही चार्ज देना पड़ा. आज एओ के वापस आने पर राजीव दीक्षित से एओ का चार्ज वापस ले लिया गया है. साथ ही उन्होंने उनकी शिकायतों के संबंध में जांच कराने और गाजियाबाद की ठेकेदार फर्म व दीक्षित के संबंधों की जांच कराने का भी उपाध्यक्ष ने आश्वासन दिया.
विभिन्न विषयों पर बैठक लगभग 2 घंटे चली तथा यह भी निर्णय हुआ कि शहर के चौमुखी विकास के लिए बोर्ड के सदस्य एवं उपाध्यक्ष समय-समय पर बैठकर आपस में विचार-विमर्श कर रूपरेखा तैयार करा करेंगे जिससे शहर के विकास में सुंदर आयाम स्थापित हो सके. अंत में उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने सबका धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट किया.

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