नीरज सिसौदिया, बरेली
सिखों का नाम सामने आते ही सेवा और समर्पण का भाव मन में जागृत होने लगता है. खास तौर पर कोरोना काल में जिस तरह से सिख समुदाय ने सेवा की मिसालें पेश की हैं उसकी सराहना दुनिया भर में हो रही है. सेवा के इस सफ़र को बरेली शहर में जिस संस्था ने आगे बढ़ाया है उसका नाम ‘टर्बन एड’ है.
संस्था की ओर से लगातार जरूरतमंदों की सेवा का कार्य किया जा रहा है. कुछ समय पहले जब पूरे देश में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मची हुई थी उस वक्त टर्बन एड ही थी जिसने लोगों के दर्द को समझा और ऑक्सीजन का लंगर शुरू कर यह साबित किया कि अगर इच्छा शक्ति हो तो कोई भी संकट खत्म किया जा सकता है. इसके बाद टर्बन एड की ओर से कोरोना प्रभावित लोगों के लिए भोजन की होम डिलीवरी सेवा शुरू की गई. संस्था के सेवादारों ने घर-घर जाकर अपनी जान की परवाह न करते हुए कोरोना संक्रमितों और उनके परिजनों तक भोजन पहुंचाया.
पिछले लगभग डेढ़ माह से शहरवासी कोरोना काल के चलते घरों में रहने को मजबूर हैं. ऐसे में रोज कमाकर गुजारा करने वाले परिवारों के समक्ष रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है. ऐसे में संस्था की ओर से घर-घर जाकर लोगों को राशन दिया जा रहा है ताकि किसी को भी भूखा न सोना पड़े. एक गैर सरकारी संगठन की ओर से की जा रही यह सेवा वाकई सराहनीय है. लोग इसकी जमकर सराहना कर रहे हैं.
इस सेवा में मुख्य सेवादार सरदार तनवीत सिंह, हरमीत सिंह, विंसर परिवार, सरदार गुरकीरत सिंह, सरदार जोरावर सिंह और अन्य सदस्यों द्वारा सेवा की जा रही है. टर्बन एड के इस सेवा कार्य के बारे में जब मेयर डा. उमेश गौतम को पता चला तो वह भी टर्बन एड के सदस्यों का हौसला बढ़ाने पहुंचे. उन्होंने संस्था के कार्यों की सराहना की. साथ ही हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया. इस दौरान ज्ञानी काला सिंह, सरदार अमरजीत सिंह, सरदार परमजीत सिंह ओबरॉय, एडवोकेट जसपाल कक्कड़ और अन्य लोग भी उपस्थित रहे.