नीरज सिसौदिया, श्रीनगर
आतंकी वारदातों के गवाह रहे कश्मीर में अब खुशियों के गीत गुनगुनाए जाएंगे। चांदी के पर्दे पर सुनहरे सपनों का सफर अब कश्मीर की हसीन वादियों के लोग भी तय कर सकेंगे। अब तक जहां कश्मीर की वादियां सिर्फ शूटिंग डेस्टिनेशन मात्र बनकर रह गया था, वहीं अब यहां के लोग भी बड़े पर्दे पर फिल्में देख सकेंगे। जी हां, लगभग तीन दशक बाद कश्मीर के लोग एक बार फिर से सिनेमाघर में फिल्में देख सकेंगे। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को श्रीनगर में मल्टीप्लेक्स का शुभारंभ किया। यह संभव हो सका है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकासवादी सोच की बदौलत। सरकार की योजना जम्मू-कश्मीर के हर जिले में एक -एक सिनेमाघर खोलने की है।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि एक लक्ष्य रखा गया है कि जम्मू-कश्मीर के हर ज़िले में मिशन यूथ के अंतर्गत 100 सीटर सिनेमा हॉल बनाए जाएं। श्रीनगर में लंबे समय बाद एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। मैं विश्वासपूर्वक ये बात कहना चाहता हूं कि ये ही बदलते जम्मू-कश्मीर की तस्वीर है।
बता दें कि कश्मीर से आतंकियों का सफाया करने की मुहिम के साथ ही सरकार यहां के युवाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का भी प्रयास कर रही है। उन्हें आधुनिक दुनिया से रूबरू करने के लिए कला और सिनेमा एक बेहतर माध्यम बन सकता है। इसी उद्देश्य से यहां मल्टीप्लेक्स खोला जा रहा है ताकि श्रीनगर सहित विभिन्न जिलों के लोग सिनेमा के माध्यम से समाज में हो रहे बदलावों के बारे में जान सकें। उद्घाटन के मौके पर अधिकारियों के साथ ही स्थानीय लोग भी मौजूद रहे। उन्होंने फिल्म भी देखी। साथ ही बदलाव की दिशा में सरकार के प्रयासों की सराहना भी की। धीरे धीरे कश्मीर का माहौल अब बदलने लगा है।