नई दिल्ली। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) एक अप्रैल से शुरू हो रहे शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए तीसरी से छठी कक्षा को लेकर नया पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकें जारी करेगी। अन्य कक्षाओं के पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में कोई बदलाव नहीं होगा। सीबीएसई के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने संबद्ध स्कूलों को भेजे एक पत्र में कहा कि एनसीईआरटी ने उसे सूचित किया है कि तीसरी से छठी कक्षा के लिए नए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों पर काम हो रहा है और जल्द ही ये जारी की जाएंगी। सीबीएसई के निदेशक (शैक्षणिक) जोसेफ इमैनुएल ने कहा, ‘‘स्कूलों को सलाह दी जाती है कि वे वर्ष 2023 तक एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित पाठ्यपुस्तकों के स्थान पर तीसरी से छठी कक्षा के लिए इन नए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों को अपनाएं।” उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘छठी कक्षा के लिए ब्रिज कोर्स और तीसरी कक्षा के लिए संक्षिप्त दिशानिर्देश एनसीईआरटी द्वारा तैयार कर रही है ताकि छात्रों को नयी शैक्षणिक व्यवस्था और नए पाठ्यक्रम ढांचे, 2023 के अनुरूप अध्ययन में सुगमता हो। एनसीईआरटी से सामग्री प्राप्त होने के बाद ये सभी स्कूलों को ऑनलाइन भेजी जाएगी।” उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘सीबीएसई स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी आयोजित करेगी ताकि उन्हें राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 में परिकल्पित शिक्षण के नए तौर तरीके सीखने के दृष्टिकोण से अवगत कराया जा सके।” शिक्षा मंत्रालय ने 18 वर्षों के बाद राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचे (एनसीएफ) में संशोधन करते हुए पिछले साल बदलाव को अधिसूचित किया था। एनसीएफ में पहले भी चार बार 1975, 1988, 2000 और 2005 में संशोधन हो चुके हैं। एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन के तहत स्कूली शिक्षा के लिए नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचे-2023 के अनुरूप स्कूलों के लिए नयी पाठ्यपुस्तकें तैयार करने की प्रक्रिया में है। इमैनुएल ने पत्र में कहा, ‘‘एक अप्रैल, 2024 से शुरू होने वाले शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए अन्य कक्षाओं के पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में कोई बदलाव नहीं होगा।” सीबीएसई ने स्कूलों को एनसीएफ सिफारिशों का पालन करने और जहां भी संभव हो बहुभाषावाद, कला-एकीकृत शिक्षा, प्रयोगात्मक शिक्षा और शैक्षणिक योजनाओं जैसी पद्धतियों को शामिल करने की सलाह दी है। वर्ष 2022 में, एनसीईआरटी ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर छात्रों पर ‘‘पाठ्यपुस्तकों का बोझ घटाने” के लिए छठी से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम को तर्कसंगत बनाया था। पिछले साल प्रकाशित नयी पाठ्यपुस्तकों में निर्धारित परिवर्तनों के बीच, एनसीईआरटी ने मुगल शासकों, 2002 के गुजरात दंगों, शीत युद्ध और आपातकाल और आवर्त सारणी पर अध्याय हटा दिए थे।
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