यूपी

बरेली में ‘I Love Muhammad’ विवाद के बाद हिंसा, मौलाना तौकीर रजा गिरफ्तार, 2000 अज्ञात पर FIR

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नीरज सिसौदिया, बरेली

उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को ‘I Love Muhammad’ विवाद को लेकर हिंसा भड़क गई। पुलिस और प्रशासन की रोक के बावजूद जुलूस निकालने की कोशिश में कई जगह पथराव हुआ और माहौल तनावपूर्ण बन गया। इस घटना के बाद पुलिस ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर लिया। उनके साथ सात से आठ अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है। साथ ही 2000 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
जगह-जगह तनाव की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने बरेली में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। सूत्रों के अनुसार, सेवाएं रविवार तक ठप रह सकती हैं ताकि अफवाहें और भड़काऊ संदेश न फैल सकें। पुलिस ने बताया कि चार थानों — कोतवाली, प्रेमनगर, किला और सुभाषनगर — में 11 अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, जुमे की नमाज के बाद एक समूह इस्लामिया ग्राउंड तक ‘I Love Muhammad’ के पोस्टर लेकर जाना चाहता था। पुलिस ने इसका विरोध किया और रोकने की कोशिश की, जिससे माहौल गरमा गया। कुछ देर बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई और हालात बेकाबू हो गए। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और भीड़ को तितर-बितर किया गया।
मौलाना तौकीर रजा को हिंसा भड़काने और बवाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अधिकारियों का कहना है कि करीब 200 सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि हिंसा में शामिल अन्य लोगों की पहचान हो सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश में दंगे और उपद्रव करने वालों को “100 बार सोचने” की जरूरत है। उन्होंने साफ किया कि किसी भी हाल में उपद्रव बर्दाश्त नहीं होगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मौलाना तौकीर रजा बरेलवी मुस्लिम समाज के एक बड़े नेता माने जाते हैं। वे पहले कांग्रेस से जुड़े रहे और बाद में समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ भी आए। वे कई बार अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं। बरेली में इससे पहले भी उन पर दंगे भड़काने के आरोप लग चुके हैं।

फिलहाल शहर के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन ने अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। इस घटना ने न केवल कानून-व्यवस्था बल्कि आगामी चुनावी समीकरणों को भी प्रभावित करने की स्थिति बना दी है।

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