नीरज सिसौदिया, पटियाला/बरेली
खेल के मैदान में उम्र की कोई सीमा नहीं होती, और इस कहावत को एक बार फिर सच कर दिखाया है बरेली के वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवाब मुजाहिद हसन खां ने। 70 वर्ष की उम्र में भी उन्होंने अपने जज़्बे और सटीक निशाने से ऑल इंडिया जीवी मावलंकर शूटिंग चैंपियनशिप, शॉटगन में ट्रैप शूटिंग में गोल्ड मेडल जीतकर न केवल बरेली बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया है। इस प्रतियोगिता का आयोजन पंजाब के पटियाला शहर में किया जा रहा है। प्रतियोगिता की शुरुआत तीन अक्टूबर को हुई थी और यह आगामी दस अक्टूबर तक चले क। इसमें उत्तर प्रदेश को दो स्वर्ण पदक मिले, और गौरव की बात यह रही कि दोनों ही गोल्ड बरेली के खिलाड़ियों के नाम रहे।
इस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में देशभर के विभिन्न राज्यों से सैकड़ों निशानेबाज़ों ने हिस्सा लिया। कठिन प्रतिस्पर्धा के बीच नवाब मुजाहिद हसन खां ने अपने लंबे अनुभव और एकाग्रता के साथ जबरदस्त प्रदर्शन किया। हर राउंड में उनकी सटीकता देखने लायक थी। उनकी निशानेबाज़ी ने न सिर्फ निर्णायकों को प्रभावित किया बल्कि दर्शकों को भी हैरान कर दिया।
नवाब मुजाहिद हसन खां राजनीति में एक बड़ा नाम हैं। वे कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और दशकों से बरेली की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन राजनीति के व्यस्त कार्यक्रमों के बावजूद उन्होंने अपने पसंदीदा खेल, शूटिंग, से रिश्ता कभी नहीं तोड़ा। वे मानते हैं कि खेल जीवन में अनुशासन और संतुलन बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका है।
उनकी उम्र जहां दूसरों के लिए आराम का समय होती है, वहीं नवाब मुजाहिद हसन खां आज भी मैदान में उतरकर युवाओं से मुकाबला करते हैं और जीतकर दिखाते हैं कि जोश और लगन के आगे उम्र मायने नहीं रखती। प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने के बाद उन्होंने कहा —
“यह जीत मेरे लिए सिर्फ एक मेडल नहीं, बल्कि एक संदेश है। खेल व्यक्ति को उम्र से नहीं, जुनून से परिभाषित करता है। मैं चाहता हूँ कि हमारे युवा भी इस खेल में आगे आएं और बरेली का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और ऊँचा करें।”
यह जीत उनके करियर का पहला स्वर्ण नहीं है। इससे पहले भी नवाब मुजाहिद हसन खां कई बार राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुके हैं। वे उत्तर प्रदेश के सबसे अनुभवी शूटरों में से एक माने जाते हैं। उनकी फायरिंग की सटीकता और संयम उन्हें हर बार सफलता दिलाते हैं।
बरेली में उनके गोल्ड जीतने की खबर पहुंचते ही खेल प्रेमियों, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई। वरिष्ठ सपा नेता और दो बार के पार्षद शमीम अहमद ने कहा कि नवाब मुजाहिद हसन खां केवल एक खिलाड़ी नहीं बल्कि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनकी उपलब्धि से साबित होता है कि बरेली की मिट्टी में खेल प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।
यह उपलब्धि इस बात का संकेत है कि बरेली अब शूटिंग के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की ताकत का केंद्र बनता जा रहा है।
शहर के खेल प्रेमी, पार्टी कार्यकर्ता और युवा खिलाड़ी उन्हें “नवाब ऑफ शूटिंग” के नाम से संबोधित कर रहे हैं। हर कोई उनकी फिटनेस, समर्पण और निरंतरता की सराहना कर रहा है।
नवाब मुजाहिद हसन खां की यह उपलब्धि केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं बल्कि उस संदेश का प्रतीक है कि कभी भी सपने देखना और उन्हें पूरा करना देर नहीं होती। उन्होंने यह साबित कर दिया कि यदि मन में जज़्बा और जीवन में अनुशासन हो तो उम्र कोई बाधा नहीं बनती।
बरेली के इन दो गोल्ड मेडल्स ने न केवल शहर को गर्व से भर दिया है बल्कि यह भी साबित किया है कि यहां की मिट्टी में खेलों की गहरी जड़ें हैं। नवाब मुजाहिद हसन खां की यह जीत आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उदाहरण बन चुकी है।
नवाब मुजाहिद हसन खां ने यह साबित कर दिया है कि जो दिल में हौसला रखता है, उसके लिए न उम्र रुकावट बनती है, न समय — और यही वजह है कि आज पूरा बरेली उन पर गर्व कर रहा है।