देश

आजम खां की वजह से कटा था सांसद एसटी हसन का टिकट, अब शहजिल इस्लाम की बारी, खतरा बनकर मंडरा रहे सुल्तान बेग, छोटे भाई अनीस बेग की दावेदारी पर भी खुलकर बोले सुल्तान, पढ़ें कैसे करवट लेने जा रही है बरेली की सियासत?

Share now

नीरज सिसौदिया, बरेली

समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार पूर्व मंत्री आजम खां भले ही लंबा समय जेल में बिताकर आए हैं लेकिन पार्टी में उनका कद आज भी वही है जो पहले हुआ करता था। इसका सबसे बड़ा उदाहरण वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में उस वक्त देखने को मिला था जब मुरादाबाद के तत्कालीन सांसद डॉ. एसटी हसन का टिकट काटकर आजम खां की करीबी रुचिवीरा को दे दिया गया और आजम के डर से एसटी हसन रामपुर सीट से चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाए थे। लोकसभा चुनावों में जो मुरादाबाद में हुआ वहीं वर्ष 2027 के चुनाव में बरेली की भोजीपुरा विधानसभा सीट पर देखने को मिल सकता है। यहां शहजिल इस्लाम की सल्तनत पर सुल्तान बेग की तलवार लटक रही है। इस तलवार से वार आजम खां कर सकते हैं।

आजम खां

दरअसल, सुल्तान बेग और आजम खां के रिश्ते बहुत पुराने हैं। तीन बार के विधायक सुल्तान बेग और आजम खां के इन रिश्तों को उस वक्त और मजबूती मिली जब जेल में रहने के दौरान आजम खां को कोरोना हो गया था और उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस दौरान सुल्तान बेग के बेटे डॉक्टर शाहनूर और डॉक्टर शाह आलम ने आजम खां की दिन-रात सेवा की थी। लगभग दो माह तक आजम खां उस अस्पताल में भर्ती रहे और सुल्तान बेग के बेटों ने उनका पूरी तरह ख्याल रखा था। उस समय तो यहां तक कहा जा रहा था कि आजम खां को अस्पताल में ही खत्म करने की साजिश रची जा रही है। तब सुल्तान बेग के पूरे परिवार ने आजम खां की सलामती के लिए जी-जान लगा दी थी।

सुल्तान बेग

सुल्तान बेग अब मीरगंज से हटकर भोजीपुरा विधानसभा सीट पर किस्मत आजमाना चाहते हैं। दिलचस्प बात यह है कि भोजीपुरा से मौजूदा विधायक शहजिल इस्लाम हैं, जिन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव पहले ही शहजिल से नाराज़ हैं। एमएलसी, स्थानीय निकाय और राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी लाइन से अलग जाकर काम करने के आरोप उनके ऊपर हैं। यही नहीं, अखिलेश पहले ही मनोज पांडे, पूजा पाल समेत कुछ विधायकों को बाहर का रास्ता दिखा चुके हैं। ऐसे में शहजिल की बारी भी जल्द आ सकती है।

आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार को सम्मानित करते  शहजिल इस्लाम और उनके पिता इस्लाम साबिर।

शहजिल इस्लाम का एक बड़ा सहारा अंसारी बिरादरी है। बरेली में इस बिरादरी का अच्छा-खासा वोटबैंक है लेकिन भोजीपुरा में विधानसभा में शेख, सैयद और पठानों की तादाद अधिक बताई जाती है। भोजीपुरा में अंसारी बिरादरी शहजिल से नाराज है। कुछ समय पहले देवरनिया में अंसारी समाज के ही लोगों ने शहजिल इस्लाम को एक सड़क का उद्घाटन नहीं करने दिया था। शहजिल को वहां से लौटने को मजबूर होना पड़ा था।

अब चर्चा यह है कि जब आजम खां डॉ. एसटी हसन जैसे सांसद का टिकट कटवा सकते हैं तो फिर शहजिल इस्लाम की बिसात ही क्या है। रुचिवीरा से तो आजम खां के रिश्ते रातनैतिक ही रहे लेकिन सुल्तान बेग के परिवार का योगदान तो बेहद अहम है। पिछली बार भी आजम खां की वजह से ही सुल्तान बेग को टिकट मिल पाया था।

इस संबंध में सुल्तान बेग कहते हैं कि मैं भोजीपुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहता हूं और पिछले लगभग डेढ़ साल से क्षेत्र में तैयारी कर रहा हूं। मैं रोज चार से पांच गांवों का दौरा कर जनसंपर्क करता हूं। मेरी पूरी तैयारी है लेकिन समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव किसे लड़ना है इसका फैसला हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी को करना है। वह जिसे टिकट देंगे वही चुनाव लड़ेगा।

डॉक्टर अनीस बेग

सुल्तान बेग के भाई डॉक्टर अनीस बेग बरेली जिले की ही कैंट विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। वह पूरे जोर-शोर से दावेदारी भी जता रहे हैं। अब अगर एक ही परिवार से दो भाइयों को टिकट मिलेगा तो पार्टी में बगावत के सुर बुलंद हो सकते हैं। ऐसे में अगर पार्टी डॉक्टर अनीस बेग को टिकट देने का फैसला करती है तो क्या सुल्तान बेग अपने छोटे भाई के लिए उस तरह कुर्बानी दे पाएंगे जिस तरह अनीस बेग ने पिछले विधानसभा चुनाव में कथित तौर पर सुल्तान बेग के लिए कुर्बानी देते हुए अपना सिंबल वापस कर दिया था? इस सवाल के जवाब में सुल्तान बेग कहते हैं, ‘अनीस बेग का टिकट मेरी वजह से नहीं कटा था, उनका टिकट सुप्रिया ऐरन की वजह से कटा था। हमारे माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने हम दोनों भाइयों का टिकट फाइनल कर दिया था लेकिन ऐन वक्त पर पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हो गई थीं जिस वजह से अनीस बेग का टिकट काटकर सुप्रिया ऐरन को दे दिया गया था। जब पिछली बार दोनों भाइयों को टिकट दिया जा सकता है तो फिर इस बार क्यों नहीं? मुझे लगता है कि इसका फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को करना है।’

बता दें कि कैंट विधानसभा सीट से टिकट के अन्य प्रमुख दावेदारों में समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष इंजीनियर अनीस अहमद खां, शहर विधानसभा सीट से पूर्व प्रत्याशी राजेश अग्रवाल और बिलसी के पूर्व विधायक आरके शर्मा शामिल हैं।

इंजीनियर अनीस अहमद खां

वहीं, भोजीपुरा विधानसभा सीट से टिकट के प्रमुख दावेदार मौजूदा विधायक शहजिल इस्लाम हैं।

राजेश अग्रवाल।

अगर दोनों बेग भाइयों को टिकट मिलता है तो इन दावेदारों की नाराजगी का सामना पार्टी को करना पड़ सकता है।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *