भगवत सरन साहू भारतीय समाज भले ही 21वीं सदी के दो दशक पार कर चुका है लेकिन दहेज का दंश आज भी हमारे समाज को निगल रहा है. आज भी हमारे समाज में हजारों बेटियां दहेज की बलि चढ़ रही हैं तो वहीं लाखों बेटियों को घुट-घुट कर जीने पर मजबूर होना पड़ रहा है. […]
भगवत सरन साहू भारतीय समाज भले ही 21वीं सदी के दो दशक पार कर चुका है लेकिन दहेज का दंश आज भी हमारे समाज को निगल रहा है. आज भी हमारे समाज में हजारों बेटियां दहेज की बलि चढ़ रही हैं तो वहीं लाखों बेटियों को घुट-घुट कर जीने पर मजबूर होना पड़ रहा है. […]