दिल्ली विचार

बिटिया दिवस पर विशेष : “तनुजा’

यह मेरी पूजा का फल है, इसके बिना जीवन निष्फल है। सौम्य रूप जैसे चंदा का, ज्यूँ पावन गंगा का जल है। यही मेरे नयनों की ज्योति, बन मेरे आँगन में आई। जीवन के इस अंधियारे में, आस किरन बन कर लहराई जब इसके नयनों से मोती तुहिन कणों जैसे झरते है। मेरे उर का […]