विचार

एसके कपूर ‘श्री हंस’ की कहानियां-1, अपने ही खून के द्वारा न्याय

न्यायमूर्ति प्रकाश सिंह के यहां ,निर्मला देवी को घरेलू काम करते, 6 वर्ष बीत चुके थे। इन 6 सालों में इतना तो जान चुकी थी ,कि साहब थोड़े से ऐय्याश किस्म के आदमी और मालकिन सविता जी बहुत ही पूजा पाठ वाली सीधी साधी महिला हैं। एक दिन निर्मला की बेटी सीता, इतवार को कुछ […]