उत्तराखंड

बैठक में बेनकाब हुए अफसर, जमकर हुआ हंगामा

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राजेंद्र भंडारी, टनकपुर
कुछ दिन पूर्व सेन्टफ्रांसिस के छात्र कुणाल भारती की मृत्यु से उबले जनता के विरोध के बाद आज तहसील में एक बैठक हुई जिसमें जनता द्वारा शासन, प्रशासन के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला. वहीं, बैठक में NH के किसी प्रतिनिधि के न आने पर भी जबरदस्त नाराजगी जाहिर की गई. बैठक में उपजिलाधिकारी अनिल चन्याल ने कहा कि विगत दिनों जो कुछ हुआ वह गलत था तथा विरोध में कुछ माहौल खराब करने वाले लोग भी थे. वहीं शिक्षाधिकारी द्वारा बैठक में तमाम प्राइवेट स्कूलों को तमाम तरीके के कानून बताकर कथित तौर पर प्रेशराइज करने की कोशिश की गई. वहीं एआरटीओ रश्मि भट्ट द्वारा स्कूल बसों में महिला गार्ड हेल्पर और अन्य नियम बताए गए किन्तु मामला एकदम तब गरमा गया जब व्यापार मंडल और व्यापारियों ने एआरटीओ पर आरोप लगाया कि उनका विभाग खाली उनके ट्रकों को माल ले आने पर परेशान करता है और 1000 महीने की भेंट लेता है. उन्होंने मंच पर बैठे विधायक से कहा कि उन्हें ऐसा भ्रष्ट अधिकारी नहीं चाहिये. जरूरत पड़ी तो वो उसे ऑफिस में ही बंद कर देंगे फिर कोतवाल के बोलते समय दीपक पाठक और कोतवाल के बीच बहस छिड़ गई तब भाजपा के जिला महामंत्री दीपक रजवार को कहना पड़ा कि कोतवाल चीजें चिल्लाएं नहीं संयम से बात करें. बात बढ़ती देख एसडीएम ने कोतवाल को बैठने को कहा.
बैठक में निजी स्कूलों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे. बैठक में तहसीलदार पूनम पन्त, सीओ रौतेला, निजी स्कूल के नवल तिवारी, धर्मेंद्र चंद, dios r p purohit, जीबी सिंह, लक्ष्मी पांडेय, जोगराज गंगवार, गोविंद जोशी, प्रकाश मुरारी, वैभव अग्रवाल, शिवराज कठायत, एई बिष्ट आदि थे.

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