राजेंद्र भंडारी, टनकपुर
ना आना गरीबों पूर्णा माँ के द्वार, ये पंक्ति टनकपुर में उस समय चरितार्थ हो गई जब एक डोला लेकर आ रही पिकअप का एआरटीओ ने चालान कर दिया और विरोध करने पर पुलिस ने मां के भक्तों पर लाठियां बरसा दीं।
बताते चलें कि मेला शुरू होने से पहले मेला के सम्बंध में लोगों ने बताया था कि डोले वाले यात्रियों को पूर्व में 7, 8 बरस पहले एक पुलिस का अधिकारी परेशान करता था. जिसके कारण टनकपुर के लोगों ने काफी विरोध किया फिर एसपी के दखल से मामला सुलझा था. इस बार मेला बैठक में एआरटीओ वीके सिंह भी मौजूद थे.
जिन्होंने कहा था कि उनके द्वारा किसी को परेशान नहीं किया जाएगा लेकिन उनकी हिटलर गिरी के आगे किसी की नहीं चलती. इन्होंने यूपी के रामपुर जिले के बिलासपुर से डोला लेकर आ रहे पैदल यात्रियों के आगे चल रही पिकअप का चालान कर दिया जिसमें यात्रियों का दैनिक जीवन का सामान भी था. दुधमुंहे बच्चों के साथ चल रही महिलाओं ने उनके हाथ जोड़े पैर पकड़े लेकिन वह नहीं माने. विरोध स्वरूप स्त्रियों ने एआरटीओ ऑफिस के सामने जाम लगा कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस पर हिटलरशाही दिखाते हुए एआरटीओ ने पुलिस को बुला लिया. इसके बाद पुलिस ने यात्रियों पर बल प्रयोग किया और गाड़ी को खींचकर थाने में खड़ा कर दिया. खबर भेजे जाने तक कोई यात्री एआरटीओ ऑफिस के सामने तो कोई थाने में और कोई रास्ते में भटकते देखे गये।