राजेंद्र भंडारी, टनकपुर
टनकपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा. टनकपुर के पूर्णागिरि मार्ग में जहां एक ओर वनराज लोगों को अपना रौद्र रूप दिखा रहा है तो वहीं हाथियों के डर से ग्रामीण पूरी रात पटाखे फोड़ने और ढोल बजाकर हाथियों को भगाने पर मजबूर हो गये हैं. बताते चलें कि जहां शेरों ने कई महिलाओं को मार दिया वहीं हाथी भी कई ग्रामीणों की जिंदगी ले चुके हैं. इसके बावजूद वन विभाग के कानों में जूं तक नहीं रेंगती. ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता. वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा पहले तो फोन ही नहीं रिसीव किया जाता. यदि फोन उठ भी गया तो वो फील्ड में आते ही नहीं. अगर आते भी हैं तो फ़ोन करने के 2 घंटे के बाद.
आज सबसे बड़ा विषय मां पूर्णागिरि के तीर्थ यात्रियों का है जो रात में डोला लेकर पैदल जाते हैं. उनकी सुरक्षा कौन करेगा. न तो उन्हें स्थानीय इलाकों का पता है और न ही वन विभाग के कर्मचारियों का. शायद वन विभाग और प्रशासन को किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार है.
थ्वालखेड़ा में फिर हाथियों ने रौंदी फसल
इस संबंध में आपको बताते चले वीरवार रात्रि हाथियों का एक झुंड थ्वालखेड़ा में रातभर उत्पात मचाने में लगा रहा. ग्रामीण गणेश दत्त, प्रेमा पांडेय, पूरन चंद के खेतों में चने ओर बरसिम उजाड़ गया पर विभाग की टीम तब आयी जब हाथी पूर्णागिरि रोड के पास आ गए थे. इस संबंध में वन विभाग के रेंजर गोविंद वीरजवाल ने बताया कि मार्च पूर्ण हो रहा है इसलिए अन्य कार्य भी किये जा रहे हैं अलबत्ता सूचना पर वह इलाका में टीम के साथ गए थे.