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उन्होंने मेरे बाल खींचे, मुझे रंडी कहा और मेरे कपड़े फाड़ दिए : फैशन कोरियोग्राफर सैम विलियम

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
जानी मानी फैशन कोरियोग्राफर सैम विलियम के साथ उस रात जो हुआ वह बहुत ही दर्दनाक था। इंसाफ की आस में वह थाने तो गई लेकिन वहां से भी उसे सिर्फ जलालत ही मिली।


सैम ने बताया ‘ 17 मार्च की रात लोधी रोड पुलिस स्टेशन के अंतर्गत पढ़ते लोधी होटल में एक पार्टी थी। पार्टी खत्म होते-होते सुबह के करीब 3:45 बज गए। मैं होटल से बाहर निकली और घर जाने के लिए अपनी बुक कराई गई कैब का इंतजार कर रही थी। बदकिस्मती से कैब वाला मेरी लोकेशन ट्रेस नहीं कर पा रहा था। तभी मेरी नज़र होटल के बाहर मेरे ठीक सामने खड़े एक ऑटो वाले पर पड़ी। अचानक मेरी नजर रोड के दूसरी तरफ गई तो मैंने देखा कि एक कार में चार पांच लोग बैठे हुए थे। वह मुझे घूर रहे थे। इससे पहले कि वह मेरे साथ कोई अनहोनी करें मैंने सोचा कि मैं ऑटो पकड़ कर ही घर चली जाऊं।

इसके बाद मैं ऑटो ड्राइवर के पास पहुंची और उससे घर छोड़ने को कहा। मुझे अकेला देख ऑटो वाले ने जरूरत से ज्यादा पैसे मांगे। मैंने उससे काफी विनती की लेकिन वह मुझे घर छोड़ने को तैयार नहीं हुआ। इस पर मुझे गुस्सा आ गया और मैंने अपना हाथ जोड़ से ऑटो पर दे मारा। अनजाने में ऑटो का शीशा टूट गया।

ऑटो वाले ने देखा कि मैं अकेली हूं तो इसका फायदा उठाते हुए वह मेरे जिस्म पर हाथ फेरने लगा फिर मुझे जोर से धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया और मेरे कपड़े फाड़ने लगा। उसने मेरे गले की सोने की चैन भी तोड़ डाली। खुद को असहाय देख मैं घबरा गई और 100 नंबर पर पुलिस को फोन करने की कोशिश करने लगी। इस पर ऑटो वाले ने मेरे हाथों से फोन छीन कर अपनी जेब में रख लिया।

इत्तेफाक से इसी बीच दो पुलिसकर्मी वहां आ गए। मैंने उन्हें आपबीती बताई तो वह मुझे और ऑटो वाले को लोधी रोड पुलिस स्टेशन ले गए। लेकिन मुझे क्या मालूम था कि जिस पुलिस थाने में मैं इंसाफ की उम्मीद लेकर आई हूं वहां मुझे जलालत के सिवाय कुछ नहीं मिलेगा।
18 मार्च की सुबह लगभग 4:30 बजे मैं पुलिस वालों के साथ पुलिस स्टेशन आ गई थी लेकिन यहां कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं थी।

मुझे सुबह 10:00 बजे तक पुलिस थाने में ही रखा गया। इस दौरान मुझे इंसाफ दिलाने की बजाए पुलिस वाले मेरा मजाक बनाते रहे। उन्होंने मुझे हिजड़ा कहा, रंडी कहा और गंदी गंदी गालियां भी दीं. उन्होंने मेरे बाल खींचे मेरे जिस्म पर हाथ फेरते रहे और जबरदस्ती लॉकअप के अंदर धकेलने की कोशिश करते रहे।

इस पर मेरी तबीयत बिगड़ गई और मेरा ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगा। मेरे मोबाइल की बैटरी भी खत्म होने लगी थी, ऐसे में मेरे पास बिना इंसाफ के खाने से बाहर घर लौटने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था। लेकिन अब मैं इंसाफ चाहती हूं। यह लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं बल्कि उन सभी ट्रांसजेंडर्स की है जो पुलिस के दुर्व्यवहार के शिकार बनते हैं।’


सैम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही निर्देश जारी किया है कि अगर कोई भी ट्रांसजेंडर का मामला पुलिस स्टेशन आता है तो उसे महिला पुलिसकर्मी ही हैंडल करेगी लेकिन लोधी पुलिस स्टेशन में जब मेरे साथ दुर्व्यवहार हो रहा था तो कोई भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी, वहां सिर्फ पुरुष पुलिसकर्मी ही मौजूद थे जो मुझसे बड़े ही अव्यावहारिक तरीके से पेश आए।

उन्होंने कहा कि मैंने लोधी रोड पुलिस स्टेशन के एसएचओ रवि शंकर और उसके साथी उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी एक शिकायत दर्ज करवाई है जिन्होंने थाने के अंदर मुझे प्रताड़ित किया। यह शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। मैं भारत सरकार से मांग करती हूं कि इन पुलिस कर्मचारियों को तत्काल सस्पेंड किया जाए और मुझे इंसाफ दिलाया जाए।


इस संबंध में जब पुलिस से उसका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

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