झारखण्ड

अपने प्लांट चलाने के लिये पैसे नहीं, शौचालय के लिए डीवीसी ने दान कर दिये सवा करोड़

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शौचालय निर्माण हेतु डीवीसी ने दिया एक करोड़ 20 लाख का चेक 

रामचंद्र कुमार अंजाना, बोकारो थर्मल

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम डीवीसी बोकारो ताप विद्युत केंद्र ने अपनी सीएसआर योजना के अन्तर्गत एक हजार शौचालयों के निर्माण हेतु 1 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि का चेक उप महाप्रबंधक डीवीसी मनोज कुमार श्रीवास्तव ने उपायुक्त  मृत्युंजय कुमार बर्णवाल को सौंपा। इस अवसर पर  उपायुक्त ने कहा कि दामोदर घाटी निगम के द्वारा सीएसआर मद से दी गई इस राशि से नावाडीह एवं गोमिया प्रखंड में जल्द ही शौचालय निर्माण कार्य कराया जायेगा। राशि को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) बोकारो के खाते में हस्तांतरित कर दिया गया है। इस दौरान उपायुक्त के विशेष कार्य पदाधिकारी संदीप कुमार, डीवीसी के वरीय प्रबंधक(सीएसआर)  ए.के.तिवारी, वरीय प्रबंधक (वित्त) बी.लक्ष्मैया एवं जिला परिषद सदस्य सह भाजपा नेता भरत यादव सहित अन्य उपस्थित थे।

इधर, डीवीसी की खराब वित्तीय हालत के बाद भी जो दरियादिली दिखाई गई है वह काबिले तारीफ है लेकिन क्या डीवीसी या जिला प्रशासन इतनी दरियादिली बोकारो थर्मल की कॉलोनियों की पूरी तरह से क्षतिग्रस्त एवं सारे दिन धूल उड़ाती सड़कों की मरम्मत पर भी दिखाएगा। क्या कॉलोनी में कामगारों के जर्जर एवं गिरते, ढहते आवासों की मरम्मत एवं रखरखाव पर भी उनकी नज़र ए इनायत होगी। कोनार नदी में जा रहे कॉलोनी के सीवरेज केे पानी की रोकथाम के लिए एसटीपी निर्माण पर भी कुछ पैसा लगाया जााएगा। जिस नदी का गंदा पानी पीकर काफी संख्या में लोग बीमार पड़ अपनी जान गंवा रहे हैं। इतना ही नहीं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में दिल्ली में आयोजित बैठक में तीन वर्ष पूर्व डीवीसी अध्यक्ष एवं दामोदर बचाओ आंदोलन के सरयू राय की मौजूदगी में बोकारो थर्मल में एसटीपी के निर्माण की बात तीन माह में करने की बात डीवीसी अध्यक्ष ने कही थी, जिस पर तीन वर्ष बाद भी अमल नहीं हुआ। रही बात शौचालयों के निर्माण की तो जो बन गये हैं उनकी हालत को देखिए, बोकारो थर्मल के गोविंदपुर ए,बी,ई एवं एफ सहित सभी पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। हकीकत देखनी है तो सुबह आइए। उक्त सभी पंचायतों में खुले में शौच करने वाले आपको स्वतः ही स्वच्छ भारत मिशन की जमीनी हकीकत से रूबरू करा देंगे दिख। डीवीसी बोकारो थर्मल के सीएसआर वाले गांवों से बिना काम करवाये राशि लौट जा रही है। डीवीसी की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल होने के कारण कई पावर प्लांटों की यूनिटों को बंद कर दिया गया है। ऐसे में एक बड़ी रकम दान करना मायने रखता है। चाहे वह दान सरकार के आदेश पर ही क्यों ना किया गया हो। इस मामले मेेंं बोकारो थर्मल के डीवीसी यूनियन गुरुओं के बीच सोशल मीडिया में तीखी जंग छिड़ चुकी है।

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