कुरुक्षेत्र, (ओहरी ): कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास के उत्तरा भवन के सामने बैसाखी का त्यौहार हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्यातिथि निशा गर्ग, राजनीतिक विभाग ने बैसाखी के पर्व का महत्व बताया तथा इस दिन किसान फसल काटकर नव वर्ष का आरम्भ करते हैं। उन्होंने ने कहा, बैसाखी का त्यौहार फसल के पकने की खुशी में मनाया जाता है। इसके साथ-साथ बैसाखी के दिन ही सिक्ख गुरूगोबिन्द सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की। उन्होंने कहा कि, उन्हे जैसे गंगा-यमुना का संगम होता है, वैसी ही पंजाब एवं हरियाणा का संगम देखने को मिला।
इस कार्यक्रम की मुख्य विशेषता यह थी कि छात्राओं ने पारंपरिक वेश-भूषा पहन कर इस त्यौहार को हरियाणा और पंजाब के गीतों पर नृत्य प्रस्तुत किया। इसके अलावा पंजाब की बोलियां भी गाई गईं तथा गिद्दे की प्रस्तुति भी की। कुछ छात्राओं ने बैसाखी पर स्वरचित कविताएं भी सुनाईं। चीफ वॉर्डन मंजुषा शर्मा ने सभी का स्वागत किया तथा छात्राओं को याद दिलाया कि 13 अप्रैल अर्थात् बैसाखी के दिन महान गणितज्ञ तथा खगोलशास्त्री पंडित आर्यभट्ट का जन्मदिवस भी मनाया जाता है, जिन्होंने शून्य का अविष्कार किया। इन्होंने सम्पूर्ण विश्व का शून्य से परिचित करवाया। इसके आयोजन में उत्तराभवन की सविता जैयसवाल तथा देवियानी की रीटा नन्दन ने सहयोग दिया।
इस अवसर पर सभी छात्रावास की छात्राओं ने एक जगह एकत्र होकर बैसाखी की पर्व का सम्पूर्ण आनन्द लिया। डिप्टी चीफ वॉर्डन शीला काला, प्रोमिला, मंजू नरवाल, मिनाक्षी, रीटा नन्दन, मुन्नी भादो, निरूपम्मा भट्टी, सविता जैयसवाल तथा अंजु शर्मा भी उपस्थित थी।
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