कुरुक्षेत्र (ओहरी)
आने वाले चुनावों में राजनीति की नई पौध मैदान में आ रही है। सूत्रों के अनुसार 2019 में कई जानी मानी राजनीतिक हस्तियां अपने बच्चों को चुनावी मैदान में उतारेंगी। इनमें से कुछ ऐसे हैं जिन्हें राजनीति विरासत में मिली है। कुछ ऐसे हैं जिन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने में अपने दम पर जनता के बीच पहचान बनाई है।
रेवाड़ी के पूर्व विद्यायक राव अभय सिंह के पौत्र अभिमन्यु राव ने नारनौल के चौधरी से ताल ठोकने की तैयारी काफी समय से शुरू की हुई है। उन्होंने घर-घर जाकर लोगों से मिलने के लिए अभियान चलाया हुआ है। कांग्रेस से किरण राव इन्हें कांग्रेस से चुनाव लड़वाने की पूरी तैयारी कर चुकी हैं।
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह अपनी उत्तराधिकारी आरती राव को चुनाव मैदान में उतारने के लिए तैयार हैं। आरती ने महेंद्रगढ़ क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी है। भाजपा में परिवारवाद की राजनीति को बढ़ावा नहीं दिया जाता जिससे आरती और इंद्रजीत दोनों को टिकट मिलने के आसार कम हैं। बेटी को चुनाव मैदान में उतारने के लिए इंद्रजीत अपने इंसाफ मंच को फिर से खड़ा करके नई पार्टी का गठन कर सकते हैं।
महेंद्रगढ़ से पूर्व सी.पी.एस. राव दान सिंह अपने बेटे अक्षत राव को अपने ही हलके से विधानसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी में हैं। उनका प्रयास यह रहेगा कि वे खुद कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा का चुनाव गुरुग्राम से लड़ें। ओर अक्षत राव को रेवाड़ी से चुनाव लड़वाये।
कोसली हलके में आने वाले चुनावों में समीकरण बदले-बदले नजर आएंगे। इनेलो में रहकर पार्टी के लिए निष्क्रिय की तरह रहे जगदीश यादव का विकल्प पार्टी को विजय भूरथला के रूप में मिल चुका है। विजय भूरथला ने इस हलके से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था। मोदी लहर के बावजूद उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में करीब 16 हजार वोट लिए थे। अब वह इनेलो में शामिल हो चुके हैं। जगदीश यादव भी इस हलके से अपने बेटे गौरव यादव को चुनाव मैदान में उतार सकते हैं। जगदीश के लिए प्लस प्वाइंट यह है कि इस हलके में उनका अपना फिक्स वोट बैंक है। इस हलके में कुछ और नए चेहरे देखने को मिलेंगे।