राजेंद्र भंडारी, टनकपुर
हाइकोर्ट नैनीताल के आदेश के बाद 27 अप्रैल 2018 को प्रदेश के प्रमुख सचिव के आदेश ने सरकार की मुसीबत बड़ा दी है क्योंकि हाईकोर्ट के आदेश ओर सचिव के आदेश में विरोधाभास हैजहाँ सरकार निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के 14 मई के आदेश को लेकर असमंजस मैं है वही प्रदेश में कर्मचारी यूनियने कार्य बहिष्कार ओर रोडवेज कर्मचारी यूनियन तो इस आदेश के खिलाफ कोर्ट जाने का ऐलान कर चुकी है इसी आदेश के खिलाफ कल टनकपुर में गेट मीटिंग भी हुई थी आपको बताते चले उपरोक्त आदेश के पश्चात टनकपुर पालिका के 24 कर्मचारियों ने कार्य करना छोड़ दिया था किंतु अधिशासी अधिकारी जयवीर राठी के आग्रह पर वो पून कार्य पर आ गये थे किंतु एक सप्ताह बाद भी साशन द्वारा कोई आदेश न आने पर उन्होंने कार्य छोड़ दिया इस संबंध में अधिशासी अधिकारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को वेतन भी दिया जाना है और जब तक साशन से अनुमति नही आती वो कुछ नही कर सकते इन कर्मचारियों के कार्य पर ना आने से पूरा सहर गंदगी से पट गया है और पालिका के पांचों कूड़ा वाहन चालकों के बिना पालिका की पार्किंग में खड़े है.