कुरुक्षेत्र, ओहरी
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा है कि एक अच्छा शिक्षक ही सुदृढ़ समाज का आधार होता है और समाज को दिशा देने का कार्य प्रभावी शिक्षकों के द्वारा ही किया जाता है। पूरे दो वर्ष आपने जो प्रशिक्षण अनुभवी अध्यापकों की देखरेख में प्राप्त किया मुझे उम्मीद है कि आप व्यवहारिक रूप से भी उसे समाज में परिणीत कर सकेंगे।
इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती मां की स्तुति के साथ किया गया तथा कुलपति ने टीचर:ए रिफ्लेक्टिव प्रैक्टिशनर फॉर क्वालिटी एजुकेशन नाम पुस्तक का विमोचन किया गया। इस मौके पर कुलपति ने बोलते हुए कहा कि दुनियाभर में भारतीय शिक्षकों की भारी मांग है। देश की युवा जनशक्ति की संख्या के अनुरूप हमारे देश में भी शिक्षकों की भारी कमी है। देशभर के स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालयों में आवेदन करने वाले आवेदकों की संख्या तो अधिक होती है लेकिन ऐसे लोगों की संख्या कम होती है जो अच्छे शिक्षक बनकर किसी समाज व राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे सकें।
कुलपति ने कहा कि यदि हम सभी को भारत को पुन: विश्व गुरू की पदवी पर ले जाना है जिससे कि हम पूरे विश्व का मार्गदर्शन कर सकें इसके लिए मै चाहूंगा कि आप अपने पुरातन व सनातन आध्यात्मिक मूल्य जिनके बल पर हम आज तक स्थापित हैं उनको अपने अंदर आत्मसात करें।
उन्होंने कहा कि कोई तो एक ऐसा तत्व है जो हमें आज तक पूरे विश्व में टिकाए हुए हैं और वह तत्व आध्यात्मिकता है, आपको अपने चरित्र को इतना उच्चकोटि का बनाना है कि आप एक कौशलयुक्त प्रभावी शिक्षक साबित हो सके और इस दिशा में हमारा शिक्षण महाविद्यालय आपको सर्वांगीण विकास कैसे हो, एक अच्छा शिक्षक कैसे इसके साथ-साथ पढ़ाने की रणनीतियां, युक्तियां व शिक्षण-अधिगम कार्य कैसे आगे बढ़े इसका भी प्रशिक्षण दे रहा है। कुलपति ने पुरस्कार वितरण समारोह में सभी छात्रों को बधाई दी और उनके सर्वांगीण विकास के लिए श्रम की प्रधानता पर प्रकाश डालते हुए कृत संकल्प होकर कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. श्याम कुमार, प्रो. शुचिस्मिता, डॉ. दुआ, डॉ. डीके जोशी, डॉ. रीटा ग्रोवर, डॉ. वीके गुप्ता व कालेज के सभी शिक्षक व गैर-शिक्षक कर्मचारी मौजूद थे।
प्रोफेसर अमरजीत सिंह यूरोपियन साईंटिफिक इंस्ट्टियूट के संपादकीय मंडल के सदस्य नियुक्त हुए.