नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
वर्ष 2019 में राहुल गांधी के दम पर भारत जीतने का भरोसा कांग्रेसियों को नहीं है| दिग्गज कांग्रेसी राहुल गांधी के नाम पर संसद की सीढ़ियां चढ़ने का ख्वाब नहीं देख रहे| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता सिर्फ राहुल गांधी के नेतृत्व को पर्याप्त नहीं मान रहे| यही वजह है कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार सार्वजनिक रूप से घोषित करने से दिग्गज नेता भी कतरा रहे हैं| पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम के बयान ने यह साबित कर दिया है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के पक्ष में नहीं हैं। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने एक न्यूज़ चैनल को दिए गए साक्षात्कार में कहा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं होंगे| कांग्रेस उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करने वाली है| चिदंबरम ने कहा कि हमारा उद्देश्य मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करना है और इसके लिए महागठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा| प्रधानमंत्री कौन बनेगा इसका फैसला चुनाव जीतने के बाद सभी दल मिलकर करेंगे|
चिदंबरम के इस बयान से यह तो साबित हो गया है कि कांग्रेस को अपने युवराज पर भरोसा नहीं रहा और वह जानते हैं कि अकेले राहुल गांधी के दम पर मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करना उनके लिए मुमकिन नहीं है| साथ ही कांग्रेस यह भी जान चुकी है कि अगर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया तो जिन दलों के साथ वह महागठबंधन बनाकर संसद की सीढ़ियां चढ़ने का ख्वाब देख रही है वह सपना चकनाचूर हो जाएगा| निश्चित तौर पर कांग्रेस जिन दलों के साथ महागठबंधन करने का सपना देख रही है उन सियासी दलों में प्रधानमंत्री पद के दावेदारों की कोई कमी नहीं है| मायावती ने तो पहले ही कांग्रेस से बिना शर्त गठबंधन के लिए इंकार कर दिया है| वहीं कुछ सियासी दल ऐसे भी हैं जिन्होंने कांग्रेस मुक्त महागठबंधन का भी ऐलान किया है| एक तरफ अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहे हैं तो दूसरी तरफ सपा और बसपा सुप्रीमो भी इस दौड़ में शामिल हैं| ममता बनर्जी भी पीछे नहीं है| वहीं अगर नीतीश कुमार भी जदयू के साथ महा गठबंधन का हिस्सा बनते हैं तो वह भी प्रधानमंत्री पद के दावेदार होंगे| चिदंबरम की चिंता नहीं यह साबित कर दिया है कि वर्ष 2019 में मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर होगा| चिदंबरम का यह बयान ऐसे वक्त आया है जबकि राहुल गांधी खुद कई बार सभाओं में और अन्य जगहों पर खुद को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने के लिए तैयार बैठे होने की बात कह चुके हैं| चिदंबरम के बयान ने यह भी खुलासा कर दिया है कि अगर कॉन्ग्रेस अन्य दलों के साथ महागठबंधन कर के चुनाव लड़ती है और जीत जाती है तो महागठबंधन में कुर्सी के लिए मारामारी तय है| अगर कांग्रेस का यह महागठबंधन सत्ता में आ जाता है तो फिर जनता के हित और विकास की जगह सियासी दलों और उनके नेताओं को संतुष्ट करने के लिए काम किया जाएगा| एक बात तो तय हो चुकी है कि कांग्रेस अपने दम पर भाजपा नीत सरकार को सत्ता से बेदखल करने में समर्थ नहीं है यह खुद कांग्रेस नेता भी जानते हैं| ऐसे में चिदंबरम का यह बयान नए विवाद को जन्म दे सकता है और कांग्रेस की हार में अहम साबित हो सकता है| चिदंबरम के इस बयान के बाद कांग्रेसियों का मनोबल भी गिरेगा और वह हतोत्साहित भी होंगे| हालांकि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजे भी काफी हद तक तस्वीर साफ कर देंगे लेकिन मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करना 2019 में कांग्रेस के लिए बेहद मुश्किल होगा|
Facebook Comments