हरियाणा

सियासी महाभारत से पहले ही मैदान छोड़कर भाग रहे हरियाणा के भाजपा सांसद, बिखर गई इनेलो, कांग्रेस फिर मजबूरी में जरूरी

Share now

नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
महाभारत की भूमि पर 2019 की सियासी महाभारत से पहले भगवा ब्रिगेड के योद्धा मैदान छोड़कर भागते नजर आ रहे हैं| कोई जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरने की बात कहकर पल्ला झाड़ने में लगा है तो कोई बीमार होने का हवाला देकर| वहीं एक विरोधी सेना खुद आपस में लड़ पड़ी है| इनेलो दो फाड़ हो गई और उसका जनाधार दो हिस्सों में बंट गया। कल तक जो उंगलियां बंद मुट्ठी में एकजुट थीं आज मुट्ठी खुल चुकी है और उंगलियां जुदा हो चुकी हैं। इंडियन नेशनल लोकदल अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है| आम आदमी पार्टी वजूद की तलाश में जुटी हुई है| भाजपा के स्वर में धराशाई हो चुके हैं| ऐसे में कांग्रेस मजबूरी में जरूरी बन गई है|

दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के कुछ सांसद मैदान छोड़कर भाग रहे हैं कुछ भाग चुके हैं तो कुछ भागने की तैयारी में हैं। इनमें पहला नाम कुरुक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी का है। राजकुमार सैनी भगवा ब्रिगेड से खफा होकर अपनी पार्टी बना रहे हैं| 5 साल राज करने के बाद अब भाजपा का हिस्सा नहीं रहे| सूत्रों की मानें तो इस बार यह सीट अकाली दल के खाते में जा सकती है क्योंकि भाजपा के पास यहां कोई भी मजबूत दावेदार नहीं है|
इसी लिस्ट में दूसरा नाम भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट किस सांसद धर्मवीर सिंह का आ रहा है| हाल ही में मीडिया में धर्मवीर सिंह के जो बयान प्रकाशित हुए हैं उसमें उन्होंने कहा है कि वह जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाए हैं जिसके चलते वह अप चुनाव नहीं लड़ेंगे|
अगला नाम एक बड़े समाचार पत्र समूह के मालिक और करनाल के सांसद अश्विनी कुमार चोपड़ा का है| अश्विनी चोपड़ा की तबीयत नासाज रहती है और वह दवाइयों के बलबूते ही चल रहे हैं जिसके चलते वह इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने में असमर्थ बताए जा रहे हैं| वहीं सूत्रों की माने तो गुड़गांव के सांसद राव इंद्रजीत सिंह भी भाजपा से किनारा करने की तैयारी में है| सूत्रों की माने तो राव इंद्रजीत सिंह भी अपनी अलग पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे हैं| अगर ऐसा होता है तो भाजपा का चारों खाने चित होना तय है| बहरहाल, भाजपा सांसदों का इस तरह किनारा करना यह साबित करता है कि राज्य में सरकार होने के बावजूद भाजपा की हालत पतली है| बताया जाता है कि अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में कुछ और पार्टी के बड़े नेता भाजपा से किनारा कर सकते हैं|

अब बात करते हैं राज्य की एक दूसरी बड़ी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल की| परिवारवाद की बैसाखी पर खड़ी इंडियन नेशनल लोकदल की एक बैसाखी टूट गई है| इनेलो फिलहाल एक पैर पर खड़ी है| अजय चौटाला अपनी नई पार्टी बनाने जा रहे हैं जिसका संभावित नाम जननायक जनता दल हो सकता है। अजय चौटाला और अभय चौटाला के इस बंटवारे में पार्टी के कार्यकर्ता भी किसी जायदाद की तरह बंट गए हैं। नतीजतन जो इनेलो राज्य में तीसरे नंबर की पार्टी हुआ करती थी अब वह भी गिनती से बाहर होती नजर आ रही है|
भाजपा और इनेलो की इस सिर फुटौव्वल में कांग्रेस की चांदी होना तय है| जिस तरह से पिछली बार मोदी लहर में भाजपा के नेताओं के हाथों में खजाना आ गया था उसी तरह से इस बार कांग्रेस की बारी है। कांग्रेस एक बार फिर मजबूरी में जरूरी बन गई है|

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *