पंजाब

जाति व्यवस्था से ऊपर उठकर भारतीय संस्कृति में रह कर कर्तव्यों के पालन देशभक्ति  : श्री गुरु पवन

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जालंधर : दोआबा कॉलेज में The Awakening Talks 30 मार्च को सम्पन्न हुआ। पावन चिंतन धारा आश्रम (ग़ाज़ियाबाद) के संस्थापक गुरु पवन द्वारा शुरू किए गए युवा अभ्युदय मिशन के जलन्धर कार्यक्रम में युवाओं को नेतृत्व क्षमता के गुण बताये गए। नेतृत्व क्षमता बढ़ाने में आत्मबल, एकाग्रता और दृढ़ निश्चय किस प्रकार सहायता करता है, इन सब पर गुरु पवन ने विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम का आरम्भ दोआबा कॉलेज के प्रधानाचार्य नरेश कुमार धीमान एवं डीन E.C. A. अविनाश बावा जी, ध्रुव मित्तल और हरीश गुप्ता द्वारा गुरु पवन को शॉल औढ़ा कर एवं स्मृति चिन्ह दे सम्मानित कर किया गया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय समिति से पंजाब प्रधान किशनलाल शर्मा, जिलाध्यक्ष संजय पाराशर, महामंत्री नरेश शर्मा, प्रदेश कार्यकारिणि सदस्य दिनेश हांडा जी ने भी श्रीगुरु पवन जी को शहीद भगतसिंह स्मृति चिन्ह एवं केसरी दुशाला भेंट कर सम्मानित किया। आश्रम द्वारा भी सभी आयोजकों, अतिथियों को स्मृतिचिन्ह एवं पटका पहना स्वागत किया गया। ततपश्चात YAM Anthem पर हुए नृत्य ने सभी छात्रों में जोश का संचार भर दिया।

दोआबा कॉलेज के खचाखच भरे ऑडोटोरियम में छात्रों को सम्बोधित करते हुए श्री गुरु पवन जी ने कहा कि 2022 में जब देश 67% युवा होगा तब जरूरी है कि देश के युवा से आज के परिपेक्ष्य में खुल कर बात की जाए। ये युवा हमारे देश को आगे ले जाएंगे पर यदि ये युवा डिप्रेशन, नशे, प्रेम आकर्षण में फंसे रहे तो क्या देश को सही और अच्छे नेता, डॉक्टर, वैज्ञानिक, सैनिक, व्यवसायी, कलाकार, अध्यापक मिल पाएंगे?
छात्रों से संवाद करते हुए गुरु पवन ने कहा हम सभी को अपने देश से प्रेम करने में, उसका प्रदर्शन करने में कभी झिझकना नही चाहिए। अपने देश से प्रेम करना कोई राजनैतिक बात नही यह हमारे जीवन का हिस्सा है। छात्रों ने भी अपने ह्रदय की बात कहते हुए जाति व्यवस्था से ऊपर उठ, भारतीय संस्कृति में रह कर, कर्तव्यों के पालन करने को देशभक्ति बताया। आज के जीवन मे आश्रम के महत्व को बताते हुए श्री गुरु पवन जी ने चमत्कार से परे रह कर ईश्वर को मानने की बात कही। अपने ईश्वर को मानने वाले क्या हम जानते हैं कि राम को राम बनाने में गुरु वशिष्ठ और विश्वामित्र की मुख्य भूमिका थी। कृष्ण ने भी सभी विद्याएं और विधाएं गुरु संदीपनी के आश्रम में ही सीखी। चन्द्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक चाणक्य के आश्रय में ही महान बने। भारत की शिक्षा पद्धति ऐसी है जिसमे व्यक्तित्व निर्माण की बजाय नौकरी कैसे मिले इस पर जोर दिया जाता है इसलिये आज छात्र केवल कंपीटिशन में फंसे रह जाते हैं उन्हें अपने व्यक्तित्व निर्माण पर काम करने का मौका ही कहां मिलता है? तभी नौकरी मिलते ही अहंकार, भ्रष्टाचार हावी हो जाता है। आज हम नौकरियों के लिये नही नौकरियां उत्पन्न करने के लिये तैयार हों जिसके लिये कुशल व्यक्तित्व, आकर्षक चरित्र होना चाहिए।
नशे पर बात करते हुए गुरु पवन जी ने कहा कि शिव और नशे को लेकर युवाओं में ऐसी तस्वीरें जानबूझ कर फैलाई जा रही हैं ताकि वह इन सबसे प्रभावित हो सके। यह सीमापार पाकिस्तान से जानबूझ कर चलाया जा रहा है, जिसमे भारत मे सबसे अधिक प्रभावित पंजाब है।
नशे के साथ साथ प्रेम सम्बन्धों पर बात करते हुए उन्होंने आगे कहा आज दोस्ती और प्रेम में फ़र्क करने की बड़ी जरूरत है, छात्र आकर्षण में फंस कर रिश्ते बनाने की सोचते हैं जब असफल होतें है जो डिप्रेशन का शिकार होने लगते हैं, फिर नशे में उतरते हैं, इससे बचना होगा। जीवन मे क्षमा, विनम्रता और शीलता होनी चाहिये परन्तु कायरता का स्थान जीवन मे कभी नही होना चाहिये, नशा हमे एक प्रकार से कायर बनाता है।
एकाग्रता पर बात करते हुए गुरु पवन जी ने कहा एक छात्र की एवरेज कंसंट्रेशन पावर 3 घण्टे होनी चाहिए परन्तु आज यह घटकर केवल 3 मिनट रह गयी है। एक प्रखर बुद्धि ही देश को कुशल नेतृत्व प्रदान कर सकता है। जिनके जीवन मे कोई लक्ष्य होता है उनकी एकाग्रता का स्तर अधिक होता है, इसलिये जीवन मे लक्ष्य अवश्य रखिये।
अगर देश है तो हम सभी हैं, हमारा घर, धर्म, समाज, परिवार है। इसलिये जीवन मे,अपनी पूजा में भारत माँ को शामिल अवश्य करें। फिर युवाओं को उन्होंने युवा अभ्युदय मिशन से जुड़ने का आह्वाहन किया। युवाओं के बहुत से प्रश्नों के उत्तर दे आज का यह कार्यक्रम पूर्ण हुआ।
कार्यक्रम में जलन्धर के अनुराधा वधावन, जे सी अरोड़ा, नीरज त्रेहन, राजिंदर शर्मा, नवीन सरना, मदन, रजनी, राजिंदर रिक्खी जी भी उपस्थित रहे.

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