जालंधर : नगर निगम के बिल्डिंग इंस्पेक्टर रूपिंदर सिंह टिवाना का खेल आखिरकार खत्म हो ही गया. टिवाना को सरकार ने अवैध बिल्डिंग पर मेहरबानी के आरोप में सस्पेंड किया है. बता दें कि ये वही टिवाना है जिसके कार्यकाल में मॉडल टाउन में भी कई अवैध बिल्डिंग बनाई गईं लेकिन बात जब सस्पेंशन की आई तो उनमें से कुछ बिल्डिंगें अरूण खन्ना के खाते में डालकर खन्ना को ही सस्पेंड करवा दिया गया था. यह सब इसलिए संभव हो पाया था क्योंकि टिवाना को ही खन्ना पर लगे आरोपों का जांच अधिकारी बनाया गया था.
टिवाना के इलाकों में चल रहे अवैध निर्माण का इंडिया टाइम 24 ने कई बार खुलासा किया था. साथ ही आरटीआई एक्टिविस्ट रविंदर पाल सिंह चड्ढा ने भी विजिलेंस और लोकपाल तक से शिकायत कर टिवाना को बर्खास्त करने की मांग की थी.
फिलहाल, टिवाना को खुरला किंगरा की एक इमारत के लिए सस्पेंड किया गया है लेकिन ऐसे कई अवैध निर्माण और अवैध कॉलोनियां हैं जो टिवाना के कार्यकाल में बेरोकटोक बना दी गईं. इनमें से एक ताजा मामला चन्नन नगर का है तो दूसरा न्यू जल्लोवाल आबादी का. इस इलाके में लगभग आधा दर्जन से भी अधिक अवैध निर्माण चल रहे हैं जिनके खिलाफ वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रदीप राय ने आज ही नगर निगम कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा से शिकायत की है और कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट जाने की चेतावनी भी दी है.
वहीं अर्बन एस्टेट में भी कई अवैध निर्माण टिवाना के कार्यकाल में ही हुए हैं.