पंजाब

सेवा औप समर्पण प्रतिमूर्ति थे पं. वेेद व्यास, रस्म पगड़ी कल,

Share now

नीरज सिसौदिया, जालंधर 

कर्म संस्कारों से जन हित को समर्पित पंडित वेद ब्यास जी का 19 नवंबर को रात्रि में निधन हो गया था। जीवन में ईमानदारी, कठोर परिश्रम, निःस्वार्थ भाव से कार्य करने के जो संस्कार उन्हे पूज्य पिताजी नथूराम जी से प्राप्त हुए उन्हे उन्होने आत्मसात भी बखूबी किया।हिमाचल के ऊना जिला के गांव चलोला में जन्म ले जीवन भर अपने ध्येय सेवा को पूरा करने हेतु दिन रात समर्पित रहे। लाइब्रेरी से नौकरी शुरू कर सहायक आयुक्त स्थानीय निकाय विभाग के पद तक पहुंचे। नौकरी भी उन्होंने नारायण से सेवा के लिये मिले अवसर की भांति ही की।समाज के आर्थिक रूप से कमजोर सैकड़ों लोगों के जीवन को उन्होने नई दिशा दी। अपने जीवन में अनेक दिव्य संतों का उन्हें सान्निध्य मिला। कार्य के प्रति निष्ठा ने उन्हें 2001 में जनगणना के लिये राष्ट्रपति पुरस्कार भी दिलवाया।स्थानीय निकाय विभाग में टैक्स रिकवरी और सफाई व्यवस्था के लिये उनका आज भी उदाहरण दिया जाता है। पंजाब और हिमाचल की अनेक संस्थाएं उनसे जीवन पर्यन्त मार्गदर्शन लेती रही। उनकी रस्म पगड़ी 2 दिसम्बर को दोपहर 1से 2 राजपूत भवन, लद्धेवली, जालंधर में रखी गयी है।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *