नीरज सिसौदिया, जालंधर
पुडा के अधिकारियों और कॉलोनाइजरों की मिलीभगत का काला खेल जालंधर में धड़ल्ले से चल रही है. जिन अवैध कॉलोनियों पर एक बार डिच चलाई जा चुकी है उन कॉलोनियों का भी दोबारा से निर्माण कर पुडा को करोड़ों रुपये के राजस्व की चपत लगाई जा रही है. ताजा मामला जालंधर के नकोदर बाईपास रोड के किनारे बसे कुक्कड़ पिंड इलाके का है.
बताया जाता है कि कुक्कड़ पिंड में मुनीष नाम के किसी कॉलोनाइजर ने जालंधर विकास प्राधिकरण के एक एसडीओ की कथित मिलीभगत से कई एकड़ के दायरे में अवैध कॉलोनी काटी थी. इसकी शिकायत जब आला अधिकारियों को की गई थी तो मामला भ्रष्ट एसडीओ के हाथ से निकल गया और कॉलोनी पर डिच चलाकर उसे ध्वस्त कर दिया गया था. लेकिन कॉलोनी ध्वस्त करने वाले पुडा के अधिकारी यहां पर अवैध कॉलोनी का बोर्ड लगाना भूल गए. नतीजा यह हुआ कि यहां कॉलोनी दोबारा से तैयार कर ली गई और भोले भाले लोगों को गुमराह कर प्लॉटों की खरीद बिक्री का काला खेल फिर से शुरू कर दिया गया. सूत्र बताते हैं कि इस खेल में पुडा के एक भ्रष्ट एसडीओ ने मुनीष का पूरा साथ दिया.
सूत्र यह भी बताते हैं कि इस कॉलोनी में काले धन का खेल भी खेला जा रहा है. प्लॉटों की खरीद बिक्री का पूरा पैसा ब्लैक मनी में लिया जा रहा है. बस रजिस्ट्री का कुछ पैसा चेक के माध्यम से लिया जा रहा है. सूत्र यह भी बताते हैं कि इस कॉलोनी के निर्माण में जो मिट्टी डाली गई थी वह भी अवैध खनन करके लाई गई है. इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाए तो कॉलोनाइजर मुनीष के साथ ही उस एसडीओ के काले कारनामों का भी खुलासा हो सकता है जो यहां अवैध कॉलोनियां कटवाते कटवाते खुद भी कॉलोनाइजर बन गया है.
दिलचस्प बात यह है कि पुडा के नए ईओ रणदीप सिंह गिल भी मामले को लेकर बिल्कुल भी गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं. कुछ रोज पहले जब उनसे इस अवैध कॉलोनी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कार्रवाई करने की बात कही थी लेकिन चार दिन बीतने के बावजूद उन्होंने इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में एसडीओ के साथ ही ईओ की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान उठने लगे हैं.
बहरहाल, पुडा के अधिकारियों और कॉलोनाइजरों के गठबंधन का काला खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है. अगली किस्तों में हम आपको बताएंगे कि कुक्कड़ पिंड, संसारपुर, काला संघा और वडाला गांव में कौन कौन सी अवैध कॉलोनियां हैं जो पुडा के इस एसडीओ की मेहरबानियों के चलते अस्तित्व में आई हैं, तो जानने के लिए पढ़ते रहिये www.indiatime24.com