नीरज सिसौदिया, जालंधर
जालंधर सिटी रेलवे स्टेशन के बाहर शराब और शबाब का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. इसे रोकने में पूरी तरह से नाकाम पुलिस एवं प्रशासन के कर्मचारी अब खुद भी इसका हिस्सा बनते नजर आ रहे हैं. यहां रेलवे स्टेशन से डीसी दफ्तर की ओर जाती सड़क पर स्टेशन गेट के पास ही बनी दुकानों में अवैध रूप से बार चलाए जा रहे हैं तो वहीं इन्हीं दुकानों और ढाबों से चंद कदमों के फासले पर स्थित गेस्ट हाउस में देह का कारोबार बेरोकटोक चलाया जा रहा है. नियमानुसार अगर किसी भी जगह शराब पिलानी है तो उसके लिए बाकायदा आबकारी विभाग से परमिशन लेनी पड़ती है. साथ ही रात 11 बजे के बाद कोई भी बार नहीं चलाया जा सकता लेकिन सूत्र बताते हैं कि रेलवे स्टेशन के गेट के पास स्थित कुछ ढाबे रात 11 बजे के बाद मयखानों में तब्दील हो जाते हैं. वहीं, सड़क पर ठीयां लगाकर पराठे बेचने वाले भी खुलेआम शराब पिला रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि रेलवे स्टेशन के नाके पर जो भी पुलिसकर्मी तैनात होता है उसे उसका हिस्सा दे दिया जाता है. साथ ही शराब की बोतल भी उनके नजर कर दी जाती है. ढाबों में मुफ्त खाने पीने की सुविधा अलग से दी जा रही है. जिसके कारण पुलिसकर्मी तो इस ओर से निगाहें फेर ही लेते हैं. सूत्र यह भी बताते हैं कि एक्साइज विभाग के अधिकारी भी यहां से अपना हिस्सा ले जाते हैं. ऐसे में जहां सरकार को लाखों रुपए के राजस्व की चपत लग रही है वहीं माहौल खराब होने का भी भय बना रहता है. एक तरफ तो पंजाब सरकार नशे को जड़ से खत्म करने के अभियान में जुटी है वहीं दूसरी तरफ कुछ सरकारी मुलाजिम ही इस अभियान को डुबोने में लगे हुए हैं. ऐसे में यह अभियान कितना सफल होगा इसका अंदाजा आप ही लगाया जा सकता है.
बात सिर्फ यहीं पर खत्म नहीं होती, शराब के साथ शबाब का कारोबार भी यहां के दो प्रमुख गेस्ट हाउस में बेखौफ और बेरोकटोक चल रहा है. इन गेस्ट हाउसों में घंटे के हिसाब से कमरों की बुकिंग की जाती है लेकिन इन कमरों को किसने बुक किया इसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता. प्रति घंटे के दो सौ से पांच सौ रुपये तक वसूल किए जाते हैं. ऐसे में देह व्यापार के लिए ये गेस्ट हाउस सेफ प्वाइंट बन गए हैं. सेफ प्वाइंट होने के चलते इन गेस्ट हाउसों में देह का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है और गेस्ट हाउस मालिक रोजाना लाखों रुपये किराया वसूल रहे हैं. यह सारी कमाई काले धन के रूप में एकत्र की जा रही है जिसका कोई भी रिकॉर्ड नहीं होता. इससे सरकार को आयकर की भी चपत लग रही है. अगर आयकर विभाग की टीम इन गेस्ट हाउसेज के मालिकों के ठिकानों में छापेमारी कर दस्तावेज खंगाले तो करोड़ों रुपये के काले धन का खुलासा हो सकता है. सूत्र बताते हैं कि इन गेस्ट हाउस मालिकों द्वारा इस बीट पर तैनात होने वाले हर पुलिसकर्मी को सेट कर लिया जाता है जिसके चलते इन पर कोई छापेमारी पुलिस की तरफ से नहीं की जाती.
अब थाना नंबर तीन में नए एसएचओ की तैनाती के बाद लोगों में उम्मीद जगी है कि वह इस काले कारोबार पर अंकुश लगाएंगे. अब देखना यह है कि क्या नए थानेदार साहब इस दिशा में कोई कार्रवाई करते हैं या फिर वह भी इस काले कारोबार को संरक्षण देते हैं. इस संबंध में जब एसएचओ से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल नॉट रीचेबल आया. अगर वह चाहें तो मोबाइल नंबर 7528022520 पर कॉल कर हमें अपना पक्ष बता सकते हैं. हम उनके पक्ष को भी प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे.
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