डॉ. बत्ती लाल बैरवा
(भूतपूर्व -अध्यक्ष, छात्र संघ (1996-97 ,1997-98), जेएनयू)
जे.एन.यू. में छात्र संघ के चुनाव में भारत सरकार व भारतीय जनता पार्टी नीतियों को एकजुटता से लोकतांत्रिक, वामपंथी ,दलित व धर्मनिरपेक्ष ताकतों ने बेनकाब किया है। छात्र संघ पर ऐतिहासिक जीत सुनिश्चित की है।
वर्तमान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में JNU का यह छात्र संघ चुनाव वामपंथी एकता की महत्ता को दर्शाता है l मोदी जी की अंधभक्ति के इस दौर में दक्षिणपंथ की इतनी करारी हार भाजपा की वर्तमान गलत नीतियों का परिणाम है | मुख्यतः
मैं उन तमाम क्रांतिकारी साथियों को बधाई देता हूं , जिन्हें जेएनयू के अधिकतम या बहुमत छात्रों ने आने वाले समय में छात्र आंदोलन के समक्ष चुनौतियों का सामना करने के लिए अपना प्रतिनिधि चुना है |
जेएनयू के इस अनूठे एवं वैज्ञानिक छात्रसंघ संविधान को सलाम| इलेक्शन कमीशन के तमाम साथियों को, जिन्होंने दिन-रात अथक प्रयास करके इस चुनाव की ऐतिहासिक परंपरा को एक नए मुकाम पर पहुंचाया उन्हें बहुत-बहुत साधुवाद।
बता दें कि जेएनयू देश की ऐसी पहली यूनिवर्सिटी है जहां सरकारी चुनाव आयोग नहीं होता बल्कि यहां के छात्र ही चुनाव आयोग का काम देखते हैं. यहां छात्र संघ चुनाव खुद छात्र ही संपन्न कराते हैं.