नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
राजधानी की सियासत से सूपड़ा साफ होने के बाद कांग्रेस नेता ऊल-जुलूल हरकतों से सुर्खियां बटोरने की जुगत में लगे हुए हैं. ताजा मामला दिल्ली के बादली विधानसभा इलाके का सामने आया है जहां कांग्रेस के एक पूर्व विधायक के ऐसे बोर्ड नजर आ रहे हैं जिनमें उन्हें विधायक लिखा गया है. कांग्रेस नेता के ऐसे बोर्डों पर चुटकी लेते हुए वर्तमान विधायक ने उन्हें मानसिक रूप से बीमार करार दे दिया. वहीं, विधायक समर्थक सफाई दे रहे हैं कि विधायक के नीचे वर्ष भी लिखा गया है.
सत्ता का स्वाद ही ऐसा होता है जिसकी जुबां पर एक बार लग जाए तो दशकों तक नहीं जाता. ऐसा ही होता नजर आ रहा है कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अहम भूमिका निभा रहे कांग्रेस के बादली विधानसभा के पूर्व विधायक देवेंद्र यादव के साथ. देवेंद्र यादव वर्ष 2008 में यहां से कांग्रेस से विधायक चुने गए थे. इसके बाद 2013-14 में भी एक साल के लिए विधायक रहे. वर्ष 2014 में आम आदमी पार्टी के अजेश यादव ने उन्हें शिकस्त दी और विधायक बन गए. अब एक बार फिर दिल्ली चुनावी समुंदर में गोते लगाने को तैयार है. दावेदार टिकट की दौड़ में जुगाड़ तंत्र साधने में जुटे हुए हैं. ऐसे में अचानक से बादली विधानसभा हलके में एक नए विधायक के बोर्ड दिखाई देने लगे तो पब्लिक हैरान हो गई. जनता असमंजस में थी कि न चुनाव हुए और न ही उपचुनाव, अजेश यादव अभी भी विधायक के तौर पर काम करवाने में लगे हुए हैं फिर देवेंद्र यादव विधायक कब बन गए? जब इस संवाददाता ने मामले की पड़ताल की तो पता चला कि बादली विधानसभा हलके के स्वरूप नगर इलाके में नाले के पास और ट्रांसपोर्ट नगर में ऐसे बोर्ड लगाए गए हैं जिनमें देवेंद्र यादव को विधायक लिखा गया है.
इस संबंध में जब बादली के आम आदमी पार्टी के विधायक अजेश यादव से बात की गई तो उन्होंने देवेंद्र यादव को मानसिक रूप से बीमार करार देते हुए कहा कि मेरी विधानसभा की सदस्यता को कुछ नहीं हुआ है. मैं अभी भी विधायक पद पर आसीन हूं. देवेंद्र यादव दिमागी बीमारी से पीड़ित हैं. वह पूरी तरह से मेंटली डिस्टर्ब हो चुके हैं. ऐसे में वह कुछ भी कर सकते हैं. आप कल को उनके नाम के प्रधानमंत्री के बोर्ड भी देख सकते हैं. जो आदमी मानसिक संतुलन खो बैठा हो वह खुद को प्रधानमंत्री भी लिख सकता है. इसमें हम क्या कर सकते हैं. उन्होंने देवेंद्र यादव को किसी अच्छे मनोचिकित्सक से इलाज कराने या पागलखाने में भर्ती होने की सलाह भी दी है.
वहीं, जब इस संबंध में देवेंद्र यादव से बात करने का प्रयास किया गया तो उनके पीए ने फोन उठाया और साहब के व्यस्त होने की बात कही. जब उन्हें मामले के बारे में बताया गया तो उनका जवाब बेहद हास्यास्पद और हैरान करने वाला था. उन्होंने कहा कि बोर्ड को ध्यान से देखिये उसमें नीचे सन भी लिखा हुआ है. जब वर्ष लिख दिया तो फिर पूर्व विधायक लिखें या न लिखें, इससे किसी को क्या तकलीफ है. आपका संदेश साहब तक पहुंचा देंगे. बहरहाल, समाचार लिखे जाने तक देवेंद्र यादव ने इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. अगर वह चाहें तो मोबाइल नंबर 7528022520 पर अपनी प्रतिक्रिया देेसकते हैं. हम उसेे भीीप्रमुखता से प्रकाशित करेंगे.
बहरहाल, देवेंद्र यादव के ये बोर्ड इलाके में चर्चा का विषय बने हुए हैं. कुछ इसे उनकी हताशा बता रहे हैं तो कुछ निराशा.