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Aditya Thackeray बनेंगे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, जानिये कैसे बिछी बिसात?

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सुनीता, मुंबई

हरियाणा में जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने के बाद बीजेपी की मुश्किलें महाराष्ट्र में बढ़ती जा रही हैं| यहां उसका सहयोगी दल शिवसेना ही उसके लिए मुसीबत का सबब बन गया है| यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक 105 सीटें जीतने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी अब तक सरकार नहीं बना पाई है| हालांकि सूत्रों की मानें तो सरकार बनाने की कवायद दोनों ही दलों ने शुरू कर दी है| Aditya Thackeray को शिवसेना मुख्यमंत्री बनाना चाहती है.

सोमवार को भाजपा और शिवसेना नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात भी की| हालांकि इस मुलाकात को आधिकारिक तौर पर सिर्फ औपचारिक मुलाकात बताया जा रहा है लेकिन शिवसेना नेता संजय राउत के बयान के बाद यह अटकलें लगाई जा रही है कि महाराष्ट्र में अगर भारतीय जनता पार्टी शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद देने का लिखित भरोसा नहीं दिलाती है तो शिवसेना एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना सकती है| अगर शिवसेना अपने मंसूबों में कामयाब हो जाती है तो बाल ठाकरे का वह अधूरा सपना जिसे वह जीते जी पूरा नहीं कर सके इस बार पूरा हो जाएगा| इस बार महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री जरूर बनेगा|

ये है सीटों का गणित

दरअसल महाराष्ट्र में इस बार भारतीय जनता पार्टी की सीटें पिछले बार के मुकाबले कम हुई हैं| उसे सिर्फ 105 सीटें ही मिली है जबकि शिवसेना नीस 56 सीटों पर जीत दर्ज की है| कांग्रेस 44 और एनसीपी 54 सीटें जीत कर विधानसभा पहुंची है| महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 है| अगर शिवसेना कॉन्ग्रेस एनसीपी गठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाती है तो उसके पास कुल 154 सीटें होंगी|

निर्दलियों का भी समर्थन

वहीं पांच निर्दलीय विधायकों ने भी शिवसेना को समर्थन दे दिया है| अगर भाजपा शिवसेना को इस बार मुख्यमंत्री पद नहीं देती है तो निश्चित तौर पर कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन के समर्थन से शिवसेना सरकार बना लेगी| दोनों ही सूरत में बाला साहब ठाकरे का अधूरा सपना जरूर पूरा होगा|

संकट में भगवा ब्रिगेड

बहरहाल, महाराष्ट्र की महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई अब उस मोड़ पर आ खड़ी हुई है जहां से बीजेपी के लिए आगे की राह बेहद मुश्किल है| अगर शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद मिल जाता है तो निश्चित तौर पर शिवसेना का भविष्य महाराष्ट्र में उज्जवल होगा|

शिवसेना के बढ़ते कदम भारतीय जनता पार्टी के लिए आने वाले समय में नुकसानदायक साबित हो सकते हैं| शायद यह बात भारतीय जनता पार्टी के आला नेता भी बखूबी समझते हैं जिसके चलते वह शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद नहीं देना चाहते| बहरहाल शिवसेना भाजपा के लिए मजबूरी में जरूरी बन गई है| उसे यह समझना होगा कि उसके कमजोर पड़ते कदमों को शिवसेना का साथ ही मजबूती दे सकता है| फिलहाल ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो आनेवाला वक्त ही तय करेगा लेकिन ठाकरे परिवार के वारिस आदित्य ठाकरे के लिए यह चुनाव यादगार साबित होगा|

…तो इतिहास में अमर हो जाएंगे आदित्य ठाकरे

Aditya Thackeray निश्चित तौर पर भाग्यशाली हैं कि उन्हें पहली बार चुनाव लड़ने पर ही मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ| आदित्य ठाकरे शायद पहले ऐसे विधायक होंगे जो पहली बार विधानसभा चुनाव जीतने पर मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं| हालांकि फिलहाल कुछ भी कहना उचित नहीं होगा लेकिन संभावनाएं ठाकरे की मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी की ओर इशारा कर रही है|

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