नई दिल्ली : एक पुरानी कहावत है कि
गए थे हरि भजन को और ओटन लगे कपास
दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष Manoj Tiwari के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है. वह गए तो थे आम आदमी पार्टी के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को घेरने के लिए लेकिन खुद अपनी ही फजीहत करा बैठे|
दरअसल हुआ यूं कि Manoj Tiwari दिल्ली की रियलिटी चेक करने के लिए इन दिनों विभिन्न विधानसभा इलाकों की गली मोहल्लों की खाक छान रहे हैं| ऐसा होना भी लाजमी है क्योंकि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और मनोज तिवारी के सिर पर फिलहाल पूरा दारोमदार है| यही रियलिटी चेक करने के लिए मनोज तिवारी ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज के विभिन्न इलाकों का दौरा किया| इस दौरान गली मोहल्लों में कुछ लोगों ने उन्हें गंदे पानी की जोर साफ सफाई ना होने की समस्या सुनाई तो कुछ नहीं बच्चों मैं बढ़ती ड्रग्स की लत के बारे में बताया| लोगों ने Manoj Tiwari तिवारी को बताया कि यहां खुलेआम नशे का धंधा चल रहा है|
इसके बाद Manoj Tiwari दौरा करके लौटे और उन्होंने एक ट्वीट किया कि जब दिल्ली की गलियों और सड़कों पर निकलता हूं तो दिल्ली का दर्द पता चलता है गंदे पानी का बच्चों में ड्रग्स लेने की आदतों का| साथ में उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता Manoj Tiwari जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं| बस अपने इसी ट्वीट पर Manoj Tiwari फजीहत करा बैठे| ट्वीट करने से पहले तिवारी यह भूल गए कि वृक्ष की समस्या के लिए डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया है या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिम्मेदार नहीं है बल्कि उन्हीं की केंद्र सरकार जिम्मेदार है क्योंकि दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन आती है|
उनके ट्वीट को रिट्वीट करते हुए मनीष सिसोदिया ने शायराना अंदाज में पूछा कि बहुत देर कर दी हुजूर आते-आते लेकिन अब आ ही गए हो तो यह तो बता दो कि पिछले 6 साल में आपकी दिल्ली पुलिस ने ड्रग्स का धंधा करने वालों के खिलाफ कुछ काम भी किया है या सिर्फ जिंदाबाद जिंदाबाद के नारे लगाकर आप खामोश हो गए हैं| स्ट्रीट पर मनोज तिवारी ट्रोल हो रहे हैं| मनोज तिवारी की हालत अब वैसी ही हो गई है कि घर से निकले थे हौसला करके और लौट आए खुदा खुदा करके|
हंसराज हंस ने अपने पहले ही भाषण में संसद में उठाया था नशे का मुद्दा
वैसे मनोज तिवारी की जानकारी के लिए यह भी बता दें कि बच्चों को नशे के दलदल में धकेलने वाले नशे के सौदागर सिर्फ पटपड़गंज इलाके में ही नहीं बल्कि पूरी दिल्ली मैं अवैध धंधा चला रहे हैं| जिन्हें रोकना फिलहाल दिल्ली पुलिस ने जरूरी नहीं समझा| शायद उन्हें याद हो तो ही हम यह भी बताना चाहेंगे कि उन्हीं की पार्टी के सांसद हंसराज हंस ने अपने उत्तर पश्चिमी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में नशे का मुद्दा संसद में अपने पहले ही भाषण में उठा दिया था| इसके बावजूद वह अपने संसदीय क्षेत्र में नशे का अवैध कारोबार बंद नहीं करा सके|
अब जब भाजपा सांसदों की ही नहीं सुनी जा रही है तो फिर मनीष सिसोदिया तो बेचारे आम आदमी पार्टी से हैं| उनके इलाके में तो कोई भी अच्छा काम करना भारतीय जनता पार्टी मैं शायद अनुशासनहीनता माना जाए| बहरहाल मनोज तिवारी ने दिल्ली का दर्द जान लिया है तो उम्मीद है कि वह इस दर्द को दूर करने के लिए कोई ना कोई दवा जरूर लाएंगे| हालांकि फिलहाल तिवारी की कुर्सी भी संकट में है| अब देखना दिलचस्प होगा किस मनोज तिवारी दिल्ली की जनता को बचाएंगे या अपनी कुर्सी को|