उत्तराखंड

बंद नहीं होने देंगे भिंगराड़ा का आईटीआई

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दीपक शर्मा, भिंगराड़ा
भिंगराड़ा। चंपावत जिले के पांच औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के साथ भिंगराड़ा के आईटीआई को बंद करने के निर्णय से लधियाघाटी क्षेत्र के लोग भड़क गए हैं। विरोध में ग्रामीणों ने सांकेतिक प्रदर्शन किया। कहा कि वे किसी भी हाल में इस आईटीआई पर ताला नहीं लगने देंगे। अगर इसे फिर से खोलने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया, तो राज्य स्थापना दिवस पर 9 नवंबर को विरोध किया जाएगा।
ग्रामीणों का कहना है कि इस आईटीआई के खुलने से दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में तकनीकी शिक्षा के जरिये रोजगार की संभावना की उम्मीद जग रही थी। मगर इसे मजबूत करने के बजाय सरकार ने इस आईटीआई पर ही ताला लगवा दिया है।

लोगों का कहना था कि इसको जल्द से जल्द सुचारु नहीं किया गया, तो लधिया के ग्रामीण विरोध करने को मजबूर होंगे। विरोध करने वालों में पानदेव जोशी, उमेश भट्ट, रमेश भट्ट, भास्कर भट्ट, कमल भट्ट दुर्गानाथ, दीपक शर्मा, घनश्याम शर्मा, सतीश चंद्र, खीमानंद भट्ट, दिनेश भट्ट, ललित भट्ट, शिवराज सिंह, पनराम, प्रकाश भट्ट आदि शामिल थे।
संवारने के बजाय समाप्त करने की हो रही तैयारी
चंपावत। युवाओं को तकनीकी ज्ञान देने के लिए स्टेट काउंसिल ऑन वोकेशनल ट्रेनिंग (एससीवीटी) से मान्यता प्राप्त आईटीआई भिंगराड़ा में 2015 में खुला, मगर इस संस्थान की व्यवस्था कभी भी पटरी पर नहीं आई। बंद होने से पूर्व तक नौ छात्रों वाले इस आईटीआई की तस्वीर यह थी कि एक कमरा, एक ट्रेड और एक अनुदेशक। पढ़ने और पढ़ाने वालों के लिए फर्नीचर तक की व्यवस्था नहीं है। जगह की कमी और अनुदेशकों की तैनाती नहीं होने से यहां मोटर मैकेनिक और फीटर के ट्रेड शुरू ही नहीं हो पाए।
ग्रामीण चंद्रशेखर भट्ट का कहना है कि जगह की कमी के चलते क्षेत्र के लोग इसे भिंगराड़ा के बंद हो चुके कन्या जूनियर हाईस्कूल में संचालित करने की मांग कर रहे थे। मगर ऐसा करने के बजाय, उल्टे अब इसे बंद कर दिया गया।

भिंगराड़ा के आईटीआई के लिए भूमि को चयनित कर पंजीकृत भी किया जा चुका है। जीआईसी के नजदीक आईटीआई भवन का निर्माण होना था। लेकिन अब इस सब पर पानी फिरता नजर आ रहा है। जिले के नोडल टनकपुर आईटीआई के निदेशक आरएस मर्तोलिया का कहना है कि एससीवीटी से मान्यता प्राप्त संस्थानों को संचालित करने का नोटिफिकेशन नहीं होने से इसे बंद किया गया है।

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