हरियाणा

5 साल की बच्ची से रेप के बाद पत्थर मारकर हत्या करने वालों को मिली सजा, पढ़ें अदालत का फैसला

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पंचकूला : पंचकूला सेक्टर-14 स्थित लिटिल फ्लावर कॉन्वेंट स्कूल के साथ लगते जंगल एरिया में मासूम बच्ची के साथ रेप और फिर बेरहमी से पत्थर सेे कुुुुुुचलकर हत्या करने वाले को अदालत नेे आज सजा सुनाई है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मृतक बच्ची सेक्टर-14 स्थित लिटिल फ्लावर कॉन्वेंट स्कूल के सामने स्थित झुग्गियों में रहती थी। आरोपी इस मासूम बच्ची के पिता के साथ काम करता था।
13 मई 2019 की सुबह वह उसे अपने साथ लेकर गया और स्कूल के साथ के जंगल एरिया में उसका बलात्कार किया। चूंकि बच्ची उसे पहचानती थी, इसलिए बलात्कार के बाद आरोपी ने बड़ी ही बेरहमी से बच्ची पर बार-बार पत्थर से वार कर उसकी हत्या कर डाली थी।
करीब डेढ़ बजे आसपास के लोगों ने बच्ची के शव को देखा और परिवार व पुलिस को सूचित किया था। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची थी और आरोपी को गिरफ्तार किया था। मामले में आज पंचकूला एडिशनल सेशन जज नरिंदर सूरा की कोर्ट ने दोषी को उम्र कैद की  सजा सुनाई है। कोर्ट ने नाबालिग आरोपी को उम्रकैद की सजा के साथ कुल 50 हज़ार रुपए जुर्माने भी लगाया है। यह फैसला कोर्ट में ट्रायल शुरू होने के महज़ 2 महीने में सज़ा सुना दी गई है। इसके इलावा कोर्ट ने POCSO एक्ट के सेक्शन 6 के तहत 20 साल की सज़ा व 10 हज़ार रुपए जुर्माने की सज़ा सुनाई गई ओर IPC की धारा 376A के तहत 20 साल की सज़ा व 10 हज़ार रुपए जुर्माने की सज़ा सुनाई गई वही IPC की धारा 302 के तहत उम्रकैद (ताउम्र नहीं है स्टेट पॉलिसी के अनुसार) व 30 हज़ार रुपए जुर्माने की सज़ा सुनाई गई।पंचकूला जिला अदालत ने आरोपी को  दोषी करार दिया गया था।

पंचकूला के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी पंकज गर्ग ने बताया कि 5 साल की मासूम के साथ रेप के बाद हत्या की वारदात के 8 महीने बाद आज सजा सुनाई गयी है। उन्होंने बताया कि 13 मई 2019 को पंचकूला के सेक्टर 14 में आरोपी ने  इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया था। पंचकूला सेक्टर-14 पंचकूला स्थित लिटल फ्लावर कॉन्वेंट स्कूल के साथ जंगल एरिया में  मासूम बच्ची के साथ रेप और फिर बेरहमी से पत्थर से सिर पर वार कर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि जुवेनाइल जस्टिस  बोर्ड द्वारा दोषी को कितनी सजा देनी है वह फैसला करेंगे और हरियाणा सरकार जितनी सजा तय करेगी उतनी सजा दी जाएगी। साथ ही उन्होंने इस केस को जल्दी अंजाम तक पहुंचाने के लिए पंचकूला पुलिस उपायुक्त कमलदीप गोयल, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त नूपुर विश्नोई व महिला थाना पुलिस की टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा इस मामले में की गई त्वरित कार्रवाई व तेज़ गति से की गई जांच के चलते केवल 2 महीने में इस केस में ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया है।

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डिंगरहेरी बलात्कार मामले में नया मोड़ 

वहीं, एक अन्य मामले में मेवात जिले की दो लड़कियों के साथ गैंगरेप, दो दम्पतियों की हत्याओं और डकैती के कुख्यात डिंगरहेरी सामूहिक बलात्कार मामले ने नया मोड़ ले लिया है. सीबीआई ने तीन अन्य आरोपियों के नाम भी सप्लीमेंट्री आरोपपत्र में जोड़ दिए हैं, जिसमें एक सेवारत सेना का जवान है। इससे पहले सीबीआई ने अपराध करने के लिए ‘एक्सल गैंग’ के चार सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया था, जबकि हरियाणा पुलिस की एसआईटी ने चार स्थानीय युवकों को गिरफ्तार किया था; जो इस समय उच्च न्यायालय से अंतरिम जमानत पर हैं। हालांकि अंतरिम जमानत रद्द करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता व् पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के माध्यम से पीड़ित लड़कियों की याचिका के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है।

अब पंचकूला में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह के समक्ष कुल 11 आरोपी मुकदमे का सामना करने के लिए बाध्य हैं। हालाँकि, शुरू में एफ.आई.आर. केवल 4-5 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई थी।”; हरियाणा पुलिस की एसआईटी द्वारा पहले गिरफ्तार किए गए युवकों के वकील प्रदीप रापड़िया ने बताया । हालांकि नए शामिल किए गए युवकों को सीबीआई ने गिरफ्तार नहीं किया है।

23 जनवरी को पेश सप्लीमेंट्री आरोपपत्र के अनुसार, सभी ग्यारह आरोपियों पर हत्या, हत्या का प्रयास, सामूहिक बलात्कार, डकैती और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोस्को) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं। कुल आठ आरोपी गुरुवार को विशेष सीबीआई अदालत में पेश हुए और उन्हें आरोप पत्र की प्रति प्रदान की गई। फिर सीबीआई कोर्ट ने तीन नए नामजद अभियुक्तों नकोदोलिया धानी मोहम्मदपुर अहीर के अमित यादव, गांव गोयला नंदू की ढाणी के रविंद्र यादव उर्फ फौजी और गाँव बागनकी के तेजपाल यादव को को समन जारी करते हुए 14 फरवरी को अदालत में पेश होने के आदेश जारी किए। जमानत पर रिहा न होने की सूरत में इन आरोपियों को भी न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकता है।

यह मामला शुरू में 25 अगस्त 2016 को हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था और राज्य पुलिस ने मामले में बड़ी सफलता का दावा किया था, क्योंकि उन्होंने अपराध के चार दिनों के भीतर चार स्थानीय युवकों को गिरफ्तार किया था। हालांकि, ग्रामीणों में आक्रोश था, जिन्होंने दावा किया था कि गिरफ्तार किए गए युवक अपराध में शामिल नहीं थे, जिसके बाद मामले को जांच के लिए सीबीआई को भेज दिया गया था।

आखिरकार 5 दिसंबर, 2016 को CBI ने मामले की जांच को अपने हाथ में ले लिया। पहले हरियाणा पुलिस ने नवंबर 2016 में मेवात के मोहम्मदपुर अमीर गांव के सभी निवासियों संदीप, अमरजीत, करमजीत और राहुल वर्मा सहित चार लड़कों के खिलाफ एक ही अपराध के लिए चार्जशीट पेश की थी। तब CBI ने एक्सेल गैंग के चार सदस्यों के खिलाफ दूसरी पूरक चार्जशीट पेश की। अब, तीन और आरोपी जोड़े गए हैं। ये आरोपी, हालांकि, मुख्य मामले में निर्दोषता का दावा करते रहे हैं और मामले से उन्हें मुक्त करने के लिए विशेष सीबीआई अदालत में पहले ही एक अर्जी दाखिल कर चुके हैं।
बलात्कार पीड़ितों के निजी अंगों और कपड़ों से एकत्र डीएनए प्रोफाइल के साथ ‘एक्सल गैंग’ के सदस्यों के डीएनए मिलान द्वारा उनकी घटना में शामिल होने की पुष्टी हुई है और इन सात स्थानीय युवकों की बेगुनाही साबित होती है । पीड़ित परिवार के सदस्यों के बयान पर ही स्थानीय युवकों के नाम जोड़े गए हैं।“ हरियाणा पुलिस की एसआईटी द्वारा पहले गिरफ्तार किए गए युवकों के वकील प्रदीप रापड़िया ने बताया।

इससे पहले एसआईटी हरियाणा द्वारा जांच के दौरान, चार स्थानीय युवकों की झूठ का पता लगाने का परीक्षण भी किया गया था, जिसमें इनका झूठ बोलना नहीं पाया गया।

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