नीरज सिसौदिया, जालंधर
विद्या भारती पंजाब के तत्वाधान मे आयोजित वेब गोष्ठी मे बोलते हुए स्वदेशी जागरण मँच के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख दीपक जी ने कहा कि 1991 मे वैश्वीकरण का रास्ता अपनाने के कारण हमारे लोगों का स्वस्थय,उपजाऊ भूमि, सुख-चैन, शांति, उपजाऊ भूमि, अर्ठ्व्यवस्त, रोजगार को नष्ट किया है। कोरोना संकट के उपरांत समय आ गया कि भारत वैश्वीकरण के दौर से बाहर निकले। अपनी ताकत को पहचानते हुए अपनी कमजोरी, आवश्यकता, जरूरत और परीस्थितियो के आधार पर विकास मॉडेल तैयार करे। यह भारत के गावों से निकलेगा। गांव अगर खड़े होंगे तो भारत को खड़ा कर देंगे। इसीलिये स्वदेशी जागरण मँच ने भारत की जहरीली हो चुकी कृषि को ओर्गनिक मे बदलने के लिये और ओर्गनीक प्रॉडक्ट के लाखों उद्योग लगाकर विश्व को अचछे और जैविक उत्पाद देने के लिये योजना बनाई है।इस लिये स्वदेशी जागरण मँच द्वारा स्वदेशी स्वावलंबी अभियान चलाया गया है जिसमें 13 लाख से अधिक जुड़ गये हैं। प्रत्येक जिले मे पाए जाने वाले प्राकृतिक संसाधन एवं कृषि उत्पादों से जुडे़ उद्योगों का जाल गावों से लेकर शहरो तक बनाया जाएगा!इस से एक तो बेरोजगारी की समस्या समाप्त होगी और दूसरी और सवालम्बि भारत का निर्माण हो सकता है!