नीरज सिसौदिया
उत्तर प्रदेश की फिजा बदलती जा रही है. अपराधियों के एनकाउंटर और राम मंदिर के निर्माण ने यूपी के माहौल में एक अलग ही रंग भर दिया है. कुछ साल पहले की ही बात है जब यूपी अपराध का गढ़ हुआ करता था. क्या पूर्वांचल और क्या पश्चिमांचल, हर तरफ बस दबंगों और गैंगस्टर्स का ही राज था. उस दौर में सरकारें भी गुंडों बदमाशों के दम पर ही बना करती थीं लेकिन योगी राज ने इस परंपरा को खत्म करने की शुरुआत कर दी है.
दरअसल, यूपी में आतंक का दौर उस वक्त शुरू हुआ जब यहां समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी सत्ता की दौड़ में शामिल हुए. उस दौर में आडवाणी के बसपा प्रेम ने पार्टी की लुटिया डुबो दी और भाजपा को सत्ता के वनवास पर भेज दिया. लंबे संघर्ष और दशकों की गुमनामी के बाद मोदी लहर ने यूपी की सत्ता पर भाजपा को अकेले दम पर काबिज किया. सत्ता में आने के बाद भाजपा ने योगी आदित्य नाथ को सीएम पद का जिम्मा सौंपा और योगी ने यूपी के इतिहास की नई इबारत लिखनी शुरू कर दी. यूपी की जनता सबसे ज्यादा दुखी थी गुंडाराज से. इसलिए योगी ने सबसे पहले गुंडों को ही निशाना बनाया और एक-एक कर गैंगस्टर सलाखों के पीछे भेज दिए गए. सपा के नेताओं ने जिन गुंडों को सिर आंखों पर बैठाया था वो आज भागे भागे फिर रहे हैं. योगी का अभियान चल ही रहा था कि कानपुर में विकास दुबे ने पुलिस वालों को निशाना बना लिया. योगी के लिए यह मुश्किल घड़ी थी लेकिन साथ ही मौका भी था खुद को साबित करने का. विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया. उसका साथी भी मारा गया. प्रदेशभर के सैकड़ों गैंगस्टर सलाखों के पीछे डाल दिए गए. मुख्तार अंसारी का करीबी राकेश पांडेय उर्फ हनुमान पाॉडेय को एसटीएफ ने ढेर कर दिया. दिलचस्प बात यह रही कि यूपी के इतिहास में पहली बार बदमाशों के दिल में योगी की इतनी दहशत बैठ गई कि विकास दुबे का साथी एक लाख का ईनामी गैंगस्टर खुद अपने गले में तख्ती बांधकर आत्म समर्पण करने के लिए थाने पहुंच गया. वाकई योगी आदित्य नाथ की इससे बड़ी उपलब्धि नहीं हो सकती थी. आज गैंगस्टर या तो आत्म समर्पण कर रहे हैं या सलाखों के पीछे हैं या फिर एनकाउंटर में मारे जा रहे हैं. उनकी दहशत खत्म होती जा रही है. दशकों से यूपी की जनता को ऐसे ही सीएम की जरूरत थी जो अपराधियों का सर्वनाश कर सके. योगी आदित्यनाथ के राज में अयोध्या में सिर्फ राम मंदिर का निर्माण ही नहीं हो रहा बल्कि यूपी में राम राज की वापसी का आगाज भी हो चुका है. मुमकिन है कि राम मंदिर के निर्माण कार्य के पूरा होने के साथ ही यूपी में राम राज्य का निर्माण कार्य भी पूरा हो जाए.
योगी सरकार का ये अभियान अभी भी जारी है. कुछ और गैंगस्टर हैं जो योगी की हिटलिस्ट में हैं. उनका भी सफाया जल्द होने वाला है. योगीराज के अभी दो साल बाकी हैं. इन दो सालों में प्रदेश का विकास और अपराधियों का सर्वनाश होने से शायद ही कोई रोक सके.
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