जयपुर, एजेंसी
राजस्थान के सियासी संकट के बीच अशोक गहलोत ने आज भाजपा को करारा झटका दे दिया है। वैसे तो भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी की थी लेकिन सत्र की शुरुआत में खुद अशोक गहलोत ने ही विश्वासमत पेश कर दिया। सत्र से पहले विधायकों को व्हिप जारी कर दिया गया था। ऐसे में भाजपा की चाल उल्टी पड़ गई। गहलोत ने आसानी से बहुमत साबित करने का दावा किया है।
इससे पहले सुबह करीब दस बजे बीजेपी की ओर से भी अविश्वास मत प्रस्ताव की तैयारी की गई थी लेकिन विधायकों के लिए व्हिप जारी नहीं किया गया। हालांकि, सभी विधायकों से कांग्रेस के संपर्क में न आने को कहा है।
विधानसभा में सत्र शुरू होने से पहले ही कयास लगाए जा रहे थे कि अशोक गहलोत सदन शुरू होते ही विश्वास मत रख सकते हैं। सुबह 11 बजे सभी विधायक सदन में पहुंच गए हैं। गहलोत गुट के विधायक बसों में पहुंचे जबकि पायलट गुट के विधायक अपनी गाड़ियों से आए हैं। 11 बजकर पांच मिनट पर विधानसभा का सत्र शुरू हो गया है। सत्र से पहले अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लिखा कि सत्य की जीत होगी। इसके बाद विधानसभा सत्र में चीन बॉर्डर पर शहीद हुए 20 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद विधानसभा में कांग्रेस ने विश्वास मत प्रस्ताव रख दिया जिसके बाद सदन की कार्यवाही एक बजे तक स्थगित कर दी गई। 11 बजकर 50 मिनट पर कांग्रेस नेता कृष्णा पूनिया ने कहा कि बारिश की वजह से विधायकों को सत्र में आने में देरी हुई, हर कोई सावधानी बरत रहा है। हम एक महीने से होटल में थे लेकिन आजाद थे।
एक बजकर 6 मिनट पर संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में कहा कि यह सदन मंत्री परिषद और सरकार में विश्वास प्रकट करता है। इस तरह से सदन में विश्वास मत रख दिया गया है।
एक बजकर 18 मिनट पर विधानसभा में बीजेपी के नेता हंगामा कर रहे हैं। मंत्री शांति धारीवाल बोल रहे थे, तभी बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने हंगामा शुरू कर दिया। स्पीकर सीपी जोशी ने मदन दिलावर और बाकी विधायकों को चेतावनी दी। एक बजकर 22 मिनट पर संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने बीजेपी नेताओं से कहा कि अमित शाह आपको माफ नहीं करेंगे। वह जवाब मांगेंगे। शांति धारीवाल ने कहा कि जिस तरह से महाराणा प्रताप ने विरोधियों को हराया, उसी तरह अशोक गहलोत ने हराया। राजस्थान में ना किसी शाह की चली, न तानाशाही की चली।
डेढ़ बजे मंत्री शांति धारीवाल ने सदन में कहा, ‘अमित शाह हिसाब मांग कर रहेगा, छोड़ेगा नहीं’। इस पर राजेंद्र राठौड़ ने आपत्ति जताई और कहा कि इस तरह केंद्रीय गृहमंत्री का नाम नहीं लिया जा सकता। इस पर मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि बात साफ है, पैसा दिया था तो हिसाब मांगा ही जाएगा।
