नई दिल्ली। भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने मई-जून के दौरान पूर्वी लद्दाख में अदम्य वीरता का प्रदर्शन करने वाले जवानों को गृह मंत्रालय से वीरता पदक देने की अनुशंसा की है। आईटीबीपी के जवानों ने चीनी सेना के छुड़ा दिए थे छक्के। बता दें कि 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच भीषण संघर्ष में 20 जवान शहीद हो गए थे। इस संघर्ष में चीन के भी 40 सैनिक मारे गए थे।
ईस्टर्न लदाख में चीनी जवानों के छक्के छुड़ाने वाले भारत तिब्बत सीमा पुलिस के 21 जवानों का नाम बहादुरी पदक के लिए भेजा गया है। बता दें कि जवानों ने कई घायल जवानों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। पूरी रात चीनी सैनिकों का सामना किया और 17 से 20 घंटों तक उन्हें जवाबी कार्रवाई करते हुए रोके रखा। ऊंचाई वाले इलाकों में जंग की ट्रेनिंग के कारण आईटीबीपी हिमालय में तैनाती के दौरान कई सामरिक महत्व के क्षेत्रों को सुरक्षित रखने में समर्थ रही है।
आईटीबीपी के डीजी एसएस देसवाल, 294 आईटीबीपी जवानों को ईस्टर्न लद्दाख में शौर्य और बहादुरी के साथ सामना करने के लिए डीजी प्रशंसा पत्र और प्रतीक चिह्न भी प्रदान किया है। 6 अन्य जवानों को छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के विरुद्ध सफल अभियानों के लिए डीजी प्रशंसा पत्र और प्रतीक चिन्ह प्रदान किया गया है।
इसके साथ ही आईटीबीपी ने अपने 318 कर्मियों के नाम और 40 अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों के नाम केंद्रीय गृह मंत्री स्पेशल ऑपरेशन ड्यूटी मेडल के लिए भेजे हैं। जिन्होंने कोरोना के प्रसार को रोकने और अन्य प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आईटीबीपी जनवरी से ही कोरोना के विरुद्ध संघर्ष में बढ़-चढ़कर भूमिका निभाई है।
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